Raipur News: शारदा चौक चौड़ीकरण को लेकर महापौर बहा रहे घड़ियाली आंसू
हम ही बनाएं हैं हम ही सवारेंगे के नारे से जनता को साय सरकार से उम्मीद
शारदा चौक चौड़ीकरण को स्मार्ट सिटी में शामिल किया जाए
महापौर एजाज ढेबर शारदा चौक-तात्यापारा सडक़ चौड़ीकरण में कर रहे राजनीति
काम अभी भी अधर में है, महापौर सिर्फ टाइम पास कर रहे
भाजपा के महापौर सुनील सोनी के कार्यकाल में हुआ था काम
हमने बनाया है हम ही संवारेंगे की तर्ज पर काम करेगी भाजपा
पाटन को ही राजधानी समझते रहे भूपेश
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पाटन विधानसभा से निर्वाचित हुए है, वो पाटन को ही राजधानी समझते रहे। एक मुख्यमंत्री के नजरिए से कभी रायपुर सहित अन्य शहरों के विकास की ओर ध्यान ही नहीं दिया। वे चाहते तो अभी तक चौड़ीकरण हो गया होता। भूपेश ये समझ बैठे थे कि भाजपा के विरोधी लहर में सत्ता मिली है दूसरी बार आना तय है, इसी सोच में भूपेश ने कांग्रेस की नैया डुबा दी। काश वो प्रदेश के विकास को लेकर बड़ा सोच से काम करते तो शायद दूसरी बार चांस बन सकता था, लेकिन उनके अहंकार ने उन्हें कहीं का नहीं छोड़ा। मंच पर ही कार्यकर्ताओं ने भड़ास निकाल कर भद्द् पीट दी। और वहीं से कांग्रेस का पतन शुरू हो गया। इसके साथ शारदा चौक का चौड़ीकरण सब कुछ मंजूरी के बाद भी अटक गया। अब महापौर लोगों से सुझाव मांग रहे है और लोग सुझाव दे रहे हंै कि हम भाजपा वालों से काम करा लेंगे आप तो रहने दो।
रायपुर raipur news। शारदा चौक-तात्यापारा के रहवासियों और कारोबारियों की लगातार हो रही बैठकों से यह अंदेशा सामने आ रहा है कि लोग अब शारदा चौक को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल कराने के लिए आंदोलन की ओर रूख करने वाले हैं। क्योंकि जितना फंड स्मार्ट सिटी के पास है उसके आधे में शारदा चौक का चौड़ीकरण हो सकता है।एक उम्मीद शारदा चौक-तात्यापारा के रहवासियों में जग गई है कि अज नहीं तो कल दिन फिरने वाले हैं। शारदा चौक तात्यापारा सडक़ चौड़ीकरण का काम तत्कालीन भाजपा के महापौर सुनील सोनी के कार्यकाल में शुरू हुआ था, जो आधा तो बन गया, लेकिन कांग्रेस के महापौर बनने के बाद काम अटकने लगा। अब भाजपा सरकार हमने बनाया है हम ही संवारेंगे के तर्ज पर फिर से काम को प्रारम्भ करेंगे। आचार संहिता लगने के कुछ दिन पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शारदा चौक तात्यापारा सडक़ चौड़ीकरण का भूमिपूजन कर अगस्त से काम चालू करने कहा था, वो सिर्फ चुनावी जुमला निकला। राजधानी की जनता को भलीभांति मालूम है जब सरकार में बैठे तब जाम में फंसने वाली जनता की याद नहीं आई जैसे चुनाव सिर पर आया आनन-फानन में सब कुछ बोल डाला और काम एक धेले का नहीं हुआ। इच्छाशक्ति के बिना कोई भी काम नहीं किया जा सकता जो कांग्रेस सरकार के पास नहीं थी। वही काम अब महापौर एजाज ढेबर कर रहे हैं, नगर निगम का चुनाव सिर पर है अब वो सडक़ पर निकल पड़े हैं शारदा चौक-तात्यापारा सडक़ चौड़ीकरण मुद्दे को लेकर व्यापारियों और आम लोगों से बातचीत कर रहे हैं और उनकी राय पूछते फिर रहे हैं। जबकि हकीकत उनको मालूम है कि जाम से लोग कितने परेशान होते हैं। जब सरकार थी तब चौड़ीकरण क्यों नहीं कराए। कामकाजी लोगों को तो सुबह के वक्त काफी परेशानी का सामना करना तो पड़ता ही है यदि एम्बुलेंस फंस जाये तो जानिए मरीज की तो जान ही गई। चौड़ीकरण नहीं होने से स्थानीय व्यापारी भी परेशान हैं भीड़ को देखते हुए कोई ग्राहक वहां जाना ही नहीं चाहता। chhattisgarh
chhattisgarh news वहां के लोगों का कहना है कि 600 मीटर तक सडक़ चौड़ीकरण हो जाए तो राजधानी में रोजाना करीब चार से पांच लाख लोगों को यातायात जाम की समस्या से राहत मिलेगी। वर्तमान में तात्यापारा के 300 मीटर बाद सडक़ संकरी होने की वजह से यहां बाटल नेक बन जाता है, जिसके कारण दिन भर हजारों लोगों को रोज जाम में फंसना पड़ता है। सडक़ चौड़ी करने के लिए 30 करोड़ का मुआवजा चार साल पहले रखा गया था। स्वाभाविक है अभी बढ़ गया है। दरअसल व्यापारी भूमि अधिग्रहण कानून के मुताबिक ही मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं । ऐसे में बजट से कहीं ज्यादा मुआवजा देना पड़ सकता है। जितना देरी करेंगे बजट उतना ही बढ़ेगा।
साय सरकार से उम्मीद दिख रही
शारदा चौक-तात्यापारा रोड के चौड़ीकरण की उम्मीद अब साय सरकार से बंध गई है। यह रोड राजधानी के व्यस्ततम स्थल जयस्तंभ से जुड़ी हुई है। पिछले लगभग 20 साल से इस रोड के चौड़ीकरण का काम अटका हुआ है। इसे लेकर पिछली कांग्रेस सरकार में करीब आधा दर्जन बार प्रस्ताव भेजा गया था। निगम स्तर पर भी सडक़ चौड़ीकरण के लिए शासन से पैसे की मांग की गई थी पर न पैसा मिला और न ही योजना एक कदम भी आगे बढ़ सकी, लेकिन पिछले महीने नगर निगम के बजट में इसे शामिल करने के बाद शहरवासियों को उम्मीद है कि एक-दो महीने के भीतर सडक़ चौड़ीकरण का काम शुरू हो जाएगा। प्रद्रेश के मुखिया विष्ंणुदेव साय भी चौड़ीकरण से सहमत दिख रहे हैं।
तीन महापौर बदले, सब चौड़े हो गए, शारदा चौक संकरा ही रहा
शहर की लाइफ लाइन कहे जाने वाले जीई रोड स्थित शारदा-चौक से आमापारा तक रोड चौड़ीकरण का प्रस्ताव साल 2006-07 में तैयार हुआ था। महापौर सुनील सोनी के कार्यकाल के अंतिम दिनों में आमापारा से तात्यापारा तक पहले चरण का चौड़ीकरण किया भी गया। आगे का काम मुआवजे को लेकर अटका रहा। इसके बाद महापौर डा. किरणमयी नायक और प्रमोद दुबे महापौर बने। दोनों ने अपने कार्यकाल पूरा किया लेकिन काम नहीं करा सके। इस बार भी शासन को प्रस्ताव भेजा। यही नहीं, राज्य सरकार के अनुपूरक बजट में फंड मिलने की उम्मीद जताई थी पर यह नहीं हुआ।
हमने बनाया हम ही सवांरेगे
प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद लोगों को हमने बनाया है हम ही संवारेंगे की तर्ज पर काम होने की उम्मीद है। शारदा-चौक से आमापारा तक रोड चौड़ीकरण का प्रस्ताव पूर्व महापौर सुनील सोनी के कार्यकाल में तैयार हुआ था। सुनील सोनी के कार्यकाल के अंतिम दिनों में आमापारा से तात्यापारा तक पहले चरण का चौड़ीकरण हो गया। इसके बाद निगम में सत्ता परिर्वतन के बाद कांग्रेस से डा. किरणमयी नायक महापौर बनीं। दूसरे चरण के तहत तात्यापारा से शारदा चौक तक बचे हिस्से के चौड़ीकरण के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया। बजट को लेकर निगम और शासन के बीच मामला अटका रहा। डा. किरणमयी नायक का कार्यकाल खत्म होने के बाद कांग्रेस से ही प्रमोद दुबे महापौर बने, और अब एजाज ढेबर महापौर हैं। तीनों ने समय व्यतीत किया चौड़ीकरण की दिशा में ठोस काम या पहल नहीं की। इसी दौरान विधानसभा चुनाव और उसके बाद लोकसभा चुनाव के कारण रोड चौड़ीकरण को लेकर किसी तरह के प्रयास नहीं हुआ।
स्मार्ट सिटी में नहीं किया शामिल?
शारदा चौक से तात्यापारा रोड चौड़ीकरण को स्मार्ट सिटी में शामिल किया जा सकता था। यह एबीडी एरिया में भी है। अभी स्मार्ट सिटी के पास करीब 400 करोड़ रुपए है। अफसर इसे खर्च ही नहीं कर पा रहे हैं बल्कि इससे मिलने वाले ब्याज से ही छोटी योजनाओं पर खर्च किया जा रहा है। स्मार्ट सिटी ने लाखों-करोड़ों रुपए ऐसी योजनाओं पर खर्च किए हैं, जिसका लाभ लोगों को नहीं मिल रहा। जैसे गौरवपथ में साइकिल ट्रैक, मोतीबाग में भूलभुलैया और पंप ट्रैक, नेकी की दीवार, सप्रे स्कूल मैदान में हेल्दी हार्ट ट्रैक पर खर्च किया गया। लेकिन उससे ज्यादा जरूरी ता, शारदा-चौक तात्यापारा सडक़ जिसको नहीं किया गया।
बृजमोहन-मूणत ने किए थे प्रयास
शारदा चौक-तात्यापारा रोड को लेकर पूर्व भाजपा शासनकाल में तात्कालिक लोक निर्माण मंत्री राजेश मूणत और कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने भी प्रयास किए थे। यह सडक़ रायपुर पश्चिम और दक्षिण दोनों की सीमा में है। लिहाजा दोनों दिग्गज मंत्रियों ने शासन स्तर पर फंड के लिए प्रस्ताव भेजे थे। अब बृजमोहन अग्रवाल रायपुर लोकसभा से सांसद बन गए हैं और राजेश मूणत भी विधायक हैं और हो सकता है मंत्रिमंडल विस्तार में मंत्री भी बन सकते हैं उससे लगता है की काम जल्द से जल्द शुरू हो सकता है।