महापौर धीरज बाकलीवाल के तीन साल का कार्यकाल बेमिसाल - जंघेल
दुर्ग। दुर्ग नगर निगम के पूर्व नेता प्रतिपक्ष देवकुमार जंघेल ने एक विज्ञप्ति जारी कर महापौर धीरज बाकलीवाल के कार्यकाल के तीन साल को बेमिसाल बताया है। उन्होने कहा है कि जिस समय महापौर धीरज बाकलीवाल और उनकी परिषद ने दुर्ग नगर निगम की कमान हाथ में ली थी तो उन्हे विरासत में खाली खजाना मिला था और दुर्ग शहर ही नहीं बल्कि पूरा प्रदेश व देश कोरोना के खतरे से जूझ रहा था। ऐसी विषम स्थिति में महापौर धीरज बाकलीवाल ने नगर निगम की बागडोर अपने हाथो में ली थी और अपनी विकास परक सोच के चलते उन्होने दुर्ग नगर निगम क्षेत्र का चहुमुखी विकास करने का संकल्प लिया था।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नगरीय निकाय मंत्री डॉ शिवकुमार डाहरिया और गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू व विधायक अरूण वोरा के मार्गदर्शन में उन्होने सिमित संसाधनों के बावजूद नगर के विकास का मार्ग प्रशस्त किया। नागरिकों को राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाया और कोरोना की चुनौती से भी कुशलता पूर्वक निपटने में वे सफल हुए। जहां उन्होने नगर निगम के खाली खजाने को भरने के लिए राजस्व वसूली पर जोर दिया वहीं कोरोना के कहर से शहर के बाशिंदो को सुरक्षित रखने के लिए भागीरथ प्रयास किए। कोरोनाकाल में लोगों के सामने रोजगार का संकट गहरा गया था और रोज कमाने खाने वाले गरीब तबके के लोगों के सामने भूखों मरने की नौबत आ गई थी। इसलिए महापौर धीरज बाकलीवाल ने स्वयं सेवी संगठनों के सहयोग से जरूरतमंद लोगों तक कच्चा राशन और दिहाड़ी मजदूरों के लिए पके हुए भोजन के पैकेट पहंचाने का काम किया और लोगों को राहत पहुंचाई। इसके अलावा उन्होने दुर्ग शहर की बहुप्रतिक्षित आवश्यकता पिकनिक स्पॉट को विकसित करने १६ करोड़ रूपए की लागत से ठकड़ा बांध के सौंदर्यीकरण का काम शुरू किया जो लगभग आधा हो चुका है। शीघ्र ही यह कार्य पूर्ण हो जाएगा और शहर की जनता को एक नई सौगात मिलेगी। इसी तरह छत्तीसगढ़ी कला व संस्कृति की झलक पेश करने के लिए लोककला मार्ग का निर्माण किया गया जो शहर के लिए आकर्षण का प्रमुख केन्द्र बन गया है। पिछले तीन साल के कार्यकाल के दौरान दुर्ग शहर के सभी मुख्य मार्गो में दुधिया रौशनी के लिए हाईमास्क लाईट लगाई गई, इंदिरा मार्केट के व्यापारियों की मांग को पूरा करते हुए यूनीशेड का निर्माण किया गया, साफ-सफाई व्यवस्था चाक चौबंद की गई। बड़ी नालियों का निर्माण शुरू किया गया, छोटी नालियों का निर्माण शीघ्र प्रस्तावित है। दुर्ग रेलवे स्टेशन के पास व्याप्त गंदगी को हटाकर सुंदर शहर की कल्पना के अनुरूप पेंटिग कार्य कराया गया।
शासन की पौनी पसारी योजना के अंतर्गत चबुतरा निर्माण कराकर पुस्तेनी व्यवसाय करने वाले हितग्राहियों को आबंटित किया गया। शहर की सबसे विकराल समस्या शंकर नाला के निर्माण कार्य को गति देकर नागरिकों को बाढ़ की समस्या से मुक्ति दिलाई गई। अमृत मिशन योजना के तहत हर घर नल कनेक्शन दिया गया और इसके लिए उच्च स्तरीय पानी टंकियों का निर्माण कराकर जल संकट को दूर किया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना का भी दुर्ग नगर निगम क्षेत्र में सफलता पूर्वक क्रियान्वयन किया गया। इसके तहत पुलगांव गोकुल नगर और कृषि उपज मंडी के पास दो गौठन बनाए गए साथ ही चार गोबर खरीदी केन्द्र स्थापित किए गए जहां अब तक २७४०० क्विंटल गोबर की खरीदी की जा चुकी है और इसके लिए ५४ लाख का भुगतान किया गया है। स्वसहायता समूहों द्वारा ४०५० क्ंिवटल खाद का निर्माण किया जा चुका है और इसके लिए ३५ लाख का भुगतान भी हो चुका है। दुर्ग नगर निगम ने हर क्षेत्र में उत्कृ़ष्ट प्रदर्शन किया जिसके चलते २०२१-२२ में लगातार दुसरी बार सीआईआई३आर अवार्ड से दुर्ग को पूरे देश में प्रथम स्थान मिला और गार्वेज फ्री सीटी के तहत दुर्ग शहर को थ्री स्टार मिला। खुले में शौच से मुक्ति के मामले में भी भारत सरकार ने दुर्ग को अवार्ड दिया। इसी तरह सफाई सुरक्षा चैलेंज में दुर्ग शहर को देश में छटवां स्थान प्राप्त हुआ। शिक्षा के क्षेत्र में भी दुर्ग नगर निगम ने उल्लेखनीय कार्य किए। दीपक नगर इंग्लिश मीडियम स्कूल का निर्माण कार्र्य प्रगति पर है। आत्मानंद स्कूल के साथ ही चंद्रशेखर आजाद स्कूल का संधारण कार्य भी प्रगति पर है। ४७ लाख की लागत से विद्युत शवदाहगृह का निर्माण हो रहा है। लगभग ३५०० लाख की लागत से सड़क, नाली, डमरीकरण, भवन निर्माण व संधारण कार्य भी प्रगति पर है। मुख्यमंत्री सस्ति दवा योजना के तहत नया बस स्टैंड के सामने और रायपुर नाका में जैनेरिक दवाओं की दुकान भी खोली गई है। इस तरह नगर निगम क्षेत्र में पिछले तीन सालों के दौरान विकास की नई परिभाषा गढ़ी गई है।