छत्तीसगढ़

कबाड़ से जुगाड़, आकर्षण का केंद्र बना

Nilmani Pal
10 Feb 2025 12:23 PM GMT
कबाड़ से जुगाड़, आकर्षण का केंद्र बना
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छग

भिलाई। घरो, दुकानो, फैक्ट्रीयो आदि से निकलने वाले बहुत प्रकार के कचरे ऐसे होते है। जो अनुपयोगी हो जाते है, जो अनावश्यक रूप से जगह घेरते है। ऐसे कचरो से क्या सकारात्मक पहल की जाये, जिससे वह उपयोगी हो जाये। शासन द्वारा इस प्रकार का अभियान चलाने के लिए निकायों को निर्देश मिला है। उसी के तारतम्य में नगर निगम भिलाई क्षेत्र के उद्यानों, एस.एल.आर.एम. सेंटर, मुख्य कार्यालय में अनुपयोगी सामग्री को उपयोगी बनाया जा रहा है।

जिसमें प्रमुख रूप से पुराने टायर से गमला, झुला, सोफा, पानी के बोतल से सजावटी सामान, पेन स्टेण्ड, झरना, गमले, खेल सामग्री, नारियल के खोल से झुमर, गमला, जुट के बोरे से झोला, पुराने जिंस से गमला, पुराने नल से साजावटी सामग्री इत्यादि बनाये जा रहे है। जो बहुत ही कम खर्च में आकर्षक दिखने लगते है, बस उसमे थोड़ा क्रियेटिव काम करना पड़ता है। इसका झुला इतना मजबूत एवं नर्म बनता है कि देखकर किसी को भी झुलने का मन करने लगता है।

नगर निगम भिलाई के आयुक्त राजीव कुमार पाण्डेय ने जब जाके देखा उन्हे भी आशचर्य होने लगा। निगम के ऐसे जगहो पर बनाकर लगाया गया है, कुसुम कानन गार्डन, जीम गार्डन, भारत माता गार्डन, शंकरा उद्यान, एस.एल.आर.एम. सेंटर, कार्यालयों आदि जगहो पर उद्यान अधिकारी तिलेश्वर साहू, एस.एल.आर.एम. सेंटर की समूह की महिलाओ द्वारा बनाया जा रहा है। जिसे एक बार देखने के बाद यह एहसास नहीं होता है कि यह वही कबाड़ था। जो इधर-उधर पड़े रहने से जगह घेरता था। थोड़ा सा क्रियेटिव सोच से मन को आकर्षित करने लगता है।

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