भिलाई। "यू.जी.सी. भारतीय ज्ञान -विज्ञान परंपरा को लेकर पूरे देश में एक बड़ा अभियान चला रहा है। नई शिक्षा नीति 2020 के तहत बड़ी संख्या में विश्वविद्यालयों और शिक्षकों और शोधार्थियों को पर्याप्त अनुदान राशि दी जायेगी।" भारतीय संस्कृति, साहित्य एवं ज्ञान -विज्ञान परंपरा के विशेषज्ञ आचार्य डॉ. महेश चन्द्र शर्मा ने महिला महाविद्यालय सेक्टर-9 भिलाई में ये बातें बताईं। आचार्य डॉ. शर्मा काॅलेज के आन्तरिक गुणवत्ता मूल्यांकन प्रकोष्ठ द्वारा भारतीय ज्ञान -विज्ञान परंपरा पद्धति पर आमन्त्रित विशेषज्ञ अतिथि के रूप में महाविद्यालय परिवार को सम्बोधित कर रहे थे।
धर्म - संस्कृति, साहित्य और ज्ञान -विज्ञान को लेकर देश - विदेश के अनेक सफल भ्रमण कर चुके आचार्य डॉ.शर्मा की अनेक पुस्तकें एवं शोध लेख भी प्रकाशित हैं। उन्होंने बताया कि हमारे वैज्ञानिक आर्यभट्ट ने धरती की गति की जानकारी विदेशी वैज्ञानिक गैलीलियो और कॉपरनिकस से बहुत पहले ही दे दी थी। हमारे इसी वैज्ञानिक ऋषि ने शून्य और दशमलव का ज्ञान दुनिया को दिया। भारतीय वैज्ञानिक भास्कराचार्य ने न्यूटन से छः सौ वर्ष पहले गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत खोजा। वैज्ञानिक और दार्शनिक प्रशस्तपाद ने परमाणु की खोज की। मिसाइल, साहित्य,कला, ज्योतिष और धर्म के क्षेत्र में तुलसी, रहीम, रसखान और भारतरत्न डॉ. ए. पी.जे.अब्दुल कलाम आदि के अविस्मरणीय योगदान को भी डॉ. शर्मा ने छात्राओं को बताया। सरस्वती पूजा अर्चना के पश्चात् कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। कालेज की प्राचार्या डॉ. सन्ध्या मदन मोहन ने मुख्य अतिथि डॉ.शर्मा का स्वागत-सम्मान करते हुवे उनका उपलब्धि पूर्ण परिचय कराया और उन्हें स्मृति चिह्न और पौधा भेंट किया। डॉ.शर्मा ने प्राध्यापकों और छात्राओं को रोजगार मार्गदर्शन एवं पर्यावरण प्रोजेक्ट फाइल सम्बन्धी लेखन सामग्री सौंपी। दीपावली के पूर्व अवसर पर उन्होंने पूरे स्टाफ और छात्राओं को नोटबुक्स और लेखनी भेंट करते हुवे खुशी व्यक्त की। प्रो.भारती वर्मा ने सफल संचालन किया। बड़ी संख्या में प्राध्यापक और छात्राएं उपस्थित रहे।