छत्तीसगढ़

सैकड़ों विवाहित जोड़ों द्वारा किया गया ऐतिहासिक सुंदरकांड पाठ

Nilmani Pal
26 March 2023 12:30 PM GMT
सैकड़ों विवाहित जोड़ों द्वारा किया गया ऐतिहासिक सुंदरकांड पाठ
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दुर्ग। श्री सत्तीचौरा माँ दुर्गा मंदिर में चैत्र नवरात्र पर्व एवं 13वे वार्षिकोत्सव के अवसर पर जिले में पहली बार सैकड़ों विवाहित जोड़ों द्वारा किया गया. सुंदरकांड पाठ शहर में एक नया ऐतिहासिक आयोजन हुआ. जिससे पूरा शहर धर्मलीन हो गया.

समिति के सदस्य योगेन्द्र शर्मा बंटी ने बताया कि श्री सत्तीचौरा माँ दुर्गा मंदिर, गंजपारा, दुर्ग में चैत्र नवरात्र पर्व एवं 13वाँ वार्षिकोत्सव दिनाँक 22 मार्च से 30 मार्च तक बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है, जिसमे दिनाँक 25 मार्च को सायं 6 बजे से विवाहित जोड़ो से सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया, जिसमें 371 जोड़े एवं सैकड़ों धर्मप्रेमियों ने पाठ किया। जिले में पहली बार विवाहित जोड़ों द्वारा सुंदेकाण्ड पाठ किया गया, जिसमें जिले का एक नया ऐतिहासिक आयोजन करते हुए श्री सत्तीचौरा माँ दुर्गा मंदिर समिति द्वारा यह आयोजन किया गया.

कार्यक्रम में सुंदर एवं मधुर भजनों की प्रस्तुति के साथ श्याम मित्र मंडल एवं पंचमुखी हनुमान सुंदरकांड सेवा समिति भाटापारा द्वारा पाठ किया गया, जिसमें आकर्षित बैठक व्यवस्था के साथ सैकड़ों की संख्या में विवाहित जोड़ो ने एक साथ एक साथ मे बैठकर सुंदरकांड पाठ किया जो कि जिले का आज तक मे सबसे बड़ा एवं ऐतहासिक आयोजन रहा जिसमे विवाहित जोड़ों से सुंदरकांड पाठ किया गया. समिति द्वारा विवाहित जोड़ों के बैठने की व्यवस्था को देख धर्मप्रेमी भाव से भर गए और सभी ने व्यवस्था की प्रशंसा की, समिति द्वारा सभी जोड़ों के लिए बैठने की उचित व्यवस्था के के साथ पूजा की चौकी, अलग अलग पूजा एवं आरती की थाल, सुंदरकांड पुस्तक, जिसे देख सभी धर्मप्रेमी भाव विभूर हो उठे.

मधुर एवं सुंदर भजनों की प्रस्तुति के साथ जब पाठ करने आई भजन मंडली द्वारा सुंदरकांड पाठ किया गया तो बहुत से धर्मप्रेमी झूम उठे, कार्यक्रम में सबसे पहले विद्वान पंडितों द्वारा मंत्रोच्चार के साथ पूजा अर्चना कराई गई, तत्पश्चात गणेश वंदना के साथ पाठ प्रारंभ किया गया, लगभग 500 मीटर दूर तक धर्मप्रेमी बैठकर नीचे बैठकर पाठ किये, एवं जो धर्मप्रेमी नीचे नही बैठ सकते थे उनके लिए कुर्सी की अलग से व्यवस्था की गयी थी.

चैत्र नवरात्र पर्व एवं 13वे वार्षिकोत्सव के उपलक्ष्य पर मन्दिर परिसर में प्रतिदिन प्रातः 9 बजे माता जी का अलग अलग धर्मप्रेमियों द्वारा सहपरिवार उपस्थित होकर अपने हाथों से अभिषेक किया जा रहा है, एवं दोपहर 12 बजे प्रतिदिन कन्यापूजन एवं कन्या भोज कराया जाता है.

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