छत्तीसगढ़

इंसानियत की ड्यूटी, शव के अंतिम संस्कार के लिए बच्चे सक्षम नहीं होने पर टीआई ने दिखाई मानवता

Nilmani Pal
28 July 2024 12:00 PM GMT
इंसानियत की ड्यूटी, शव के अंतिम संस्कार के लिए बच्चे सक्षम नहीं होने पर टीआई ने दिखाई मानवता
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रायगढ़ raigarh news । पुलिस ने एक दफा फिर मानवता दिखाई है जिसकी आमजन तारीफ करते नहीं थक रहे । Thana Jute Mill दरअसल थाना जूटमिल क्षेत्र अंतर्गत बेनी कुंज अपार्टमेंट सावित्री नगर में रहने वाला विनय प्रकाश जायसवाल (उम्र करीब 54 वर्ष) मूलत: गांधीनगर दिल्ली के रहने वाले थे। दिल्ली से आकर पहले रायपुर में व्यवसाय कर रहे थे उसके बाद बिजनेस में नुकसान होने से बेटा (22 साल) और बेटी (20 साल) के साथ रायगढ़ आकर रहने लगे थे । एकाएक विनय जायसवाल के परिवार में कई सारी विपत्तियां आने लगी, वे स्वयं बीमार पड़ने लगे।

chhattisgarh news उनके बेटे और बेटी भी गंभीर बीमार से जूझ रहे हैं । पिछले कुछ दिनों से विनय जायसवाल मेडिकल कॉलेज रायगढ़ में भर्ती थे, कल उनका निधन हो गया । दिल्ली में उनके परिचित को विनय जायसवाल के मौत की सूचना पर वे रायगढ़ आये । मृतक विनय जायसवाल के दोनों बच्चों की स्थिति ऐसी नहीं थी कि वे पिता का अंतिम संस्कार करा पाये इसलिए वे शव को मेडिकल कॉलेज में छोड़कर जा रहे थे । थाना प्रभारी जूटमिल को मेडिकल कॉलेज से सूचना मिलने पर अस्पताल पहुंचे । मृतक के वारिसानों की स्थिति देखकर समझ चुके थे कि शव का अंतिम संस्कार पुलिस को कराना पड़ेगा । तब उन्होंने मृतक के बेटे-बेटियों को अंतिम संस्कार तक रूकने के लिये मनाये और हिन्दु प्रथा के अनुसार शव का कयाघाट मुक्तिघाम में अपने स्टाफ के साथ अंतिम संस्कार कराया गया। chhattisgarh

जिसके बाद मृतक विनय जायसवाल के दोनों बच्चों को दिल्ली पहुंचाने वाहन की व्यवस्था कराये और आर्थिक सहयोग कराया गया। खाखी अफसर की फर्ज के साथ इंसानियत की ड्यूटी की लोगों द्वारा उन्मुक्त कंठ से प्रशंसा की जा रही है।


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