रायपुर/बिलासपुर। इस वर्ष कोयला कर्मचारियों के लिए बोनस की घोषणा कर दी गई है, जिसमें उन्हें औसत 93,750 रुपये की राशि दी जाएगी। यह पिछले वर्ष के 85,000 रुपये के मुकाबले 8,750 रुपये अधिक है। बोनस निर्धारण को लेकर कोल इंडिया और एसईसीएल सहित अन्य अनुषंगी कंपनियों के कर्मचारियों के बीच यह अहम फैसला लिया गया। दिल्ली में हुई मानकीकरण समिति की मैराथन बैठक में प्रबंधन और यूनियन नेताओं के बीच बोनस को लेकर लंबी चर्चा हुई। यूनियन ने कोयला कामगारों के लिए 1.5 लाख रुपये के बोनस की मांग की, जबकि प्रबंधन ने शुरू में 85,000 रुपये का प्रस्ताव रखा। कई दौर की बातचीत के बाद अंततः 93,750 रुपये के बोनस पर सहमति बनी। SECL Diwali Bonus
इस बैठक में कोल इंडिया और उसकी सहायक कंपनियों के सवा दो लाख से अधिक कर्मचारियों की नजरें टिकी हुई थीं। बैठक शुरू होने से पहले यूनियन नेताओं ने आपस में चर्चा कर कर्मचारियों के हितों की रक्षा हेतु एकमत होकर बोनस राशि बढ़ाने की मांग की। जब प्रबंधन ने अपनी पेशकश को बढ़ाने में संकोच किया, तो यूनियन नेताओं ने आंदोलन की भी धमकी दी, जिसके बाद अंततः बोनस की राशि बढ़ाई गई।
पिछले कुछ वर्षों में कोयला कर्मचारियों के बोनस में लगातार वृद्धि हुई है। साल 2014 में यह राशि 40,000 रुपये थी, जो 2024 में बढ़कर 93,750 रुपये हो गई है। इस वर्ष बोनस मिलने से एसईसीएल के लगभग चालीस हजार से अधिक कर्मचारी लाभान्वित होंगे। इस राशि से बिलासपुर एसईसीएल मुख्यालय सहित कालरी क्षेत्रों के बाजार में भी त्यौहार की रौनक दिखाई देगी।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि ठेका मजदूरों को बोनस एक्ट के तहत 8.33 प्रतिशत बोनस दिया जाएगा। बैठक में प्रबंधन की ओर से डीपी विनय रंजन, मनीष कुमार और अन्य उपस्थित थे, जबकि यूनियन की ओर से सुधीर घुरडे, मजरूल हक अंसारी, नाथूलाल पांडेय और अन्य प्रमुख नेता शामिल थे।