छत्तीसगढ़

नवजात की मौत, डॉक्टरों की अमानवीयता से गई जान

Nilmani Pal
7 May 2023 3:48 AM GMT
नवजात की मौत, डॉक्टरों की अमानवीयता से गई जान
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छग
दुर्ग। भिलाई में संचालित शंकरा मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की अमानवीयता के चलते में एक नवजात बच्चे ने तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया। बच्चे की मां की डिलीवरी के दौरान मौत हो गई थी। इसके बाद डॉक्टरों ने नवजात को वैंटिलेटर में रखा था। जब परिजन इलाज के लिए 10 हजार रुपए नहीं दे पाए तो डॉक्टर ने नवजात को वैंटिलेटर से निकालकर परिजन के हाथ में दे दिया। डेढ़ घंटे बाद बच्चे की मौत हो गई।

जानकारी के मुताबिक बेमेतरा जिले के पथरी गांव निवासी बैसाखिन बाई पति शंकर निषाद को बच्चा होना था। डिलीवरी के दौरान उसकी तबीयत काफी बिगड़ गई। इसके चलते उसे शंकरा मेडिकल अस्पताल रेफर किया गया। शंकर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शनिवार शाम को 7 बजे डिलीवरी के दौरान बैसाखिन बाई की मौत हो गई।

डॉक्टरों ने नवजात का चेकअप किया तो उसकी भी हालत नाजुकी थी। वो सांस नहीं ले पा रहा था। इसके बाद बच्चे को तुरंत एसएनसीयू भेजा गया और वैंटिलेटर पर रखा गया। डॉक्टरों ने इलाज के लिए परिजनों से आयुष्मान कार्ड मांगा। परिजनों ने आयुष्मान कार्ड न होने की बात कही। इस पर डॉक्टरों ने उन्हें 8-10 हजार रुपए जमा करने को कहा। अगले दिन रविवार को परिजनों ने रुपए न होने की बात कही। जिसके बाद डॉक्टरों ने इलाज करने से हाथ खड़े कर दिए और बच्चे को वैंटिलेटर से निकाल कर परिजन की गोद में दे दिए।


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