छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ : महिलाओं ने कोरोना के छुड़ाए छक्के, 1300 की आबादी में एक भी संक्रमित नहीं

Khushboo Dhruw
19 May 2021 5:46 PM GMT
छत्तीसगढ़ : महिलाओं ने कोरोना के छुड़ाए छक्के, 1300 की आबादी में एक भी  संक्रमित नहीं
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कोरोना महामारी के आगे जहां सुविधा संपन्न बड़े शहरों की भारी भरकम व्यवस्था भी चरमराई हुई है

कोरोना महामारी के आगे जहां सुविधा संपन्न बड़े शहरों की भारी भरकम व्यवस्था भी चरमराई हुई है, वहीं छत्तीसगढ़ का एक गांव ऐसा है, जहां दूसरी लहर में भी कोरोना से एक भी ग्रामीण संक्रमित नहीं हुआ। यहां नारीशक्ति ने मोर्चा संभालते हुए प्रशासनिक कार्रवाई का इंतजार किए बिना तगड़ी घेराबंदी की है। वर्तमान स्थिति में संक्रमण की तीव्रता शहर से गांवों की ओर रुख कर रही है, लेकिन जागरूकता और अनुशासन की वजह से इस गांव की सरहद तक को कोरोना छू न सका।

दूसरी लहर भी नहीं भेद सकी पुरेनाखार गांव की सुरक्षा
छत्तीसगढ़ में जागरण की अलख जगाता यह गांव कोरबा जिला मुख्यालय से 23 किलोमीटर दूर बसा पुरेनाखार है। यहां की आबादी करीब 1300 है। जब पूरा प्रशासनिक अमला संक्रमण रोकने शहर में ताकत झोंक रहा था, तब यहां की महिला सरपंच ज्ञानेश्वरी तंवर ने लोगों की जान बचाने ग्राम पंचायत स्तर पर बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने जैसे कई अहम कदम उठाए। उनका साथ देने गांव की शिक्षिका गुलेश्वरी साहू व मितानिन अनिता यादव भी कमर कस मैदान में उतर आई।
महिलाओं की इस तिकड़ी ने सबसे पहले गांव के बुजुर्गो को कोरोना से बचने के लिए सावधानियां समझाने का निर्णय लिया। ज्ञानेश्वरी ने कहा कि अब भी गांव में बुजुर्गो की अपनी अलग अहमियत है, जिनकी बातों को नई पीढ़ी नजरअंदाज नहीं करती, इसलिए उनसे ही शुरुआत की गई। फिर गर्भवती महिलाओं व बच्चों के घर से बाहर निकलने पर रोक लगाई गई। कुछ युवकों की टोली बनाई, जो दिन-रात गांव की सरहद पर बाहरी आवागमन की निगरानी करती है।
पड़ोस की दो पंचायतें कंटेनमेंट जोन
महिलाओं की टीम के लिए यह लड़ाई आसान न थी। पड़ोस की दो पंचायतें मड़वामौहा व धनरास में 100 से अधिक लोग संक्रमित मिले। वहां कंटेनमेंट जोन बनाने पड़े, लेकिन जागरूकता व अनुशासन का दामन थामे पुरेनाखार कोरोना को मात देने में सफल रहा। पंचायत स्तर पर बरती गई इस सतर्कता की सराहना जिला पंचायत सीईओ कुंदन कुमार भी कर रहे हैं।
टीकाकरण भी शत-प्रतिशत
महिलाओं की टीम यह भली भांति जानती है कि जब तक शत-प्रतिशत टीकाकरण नहीं होगा, कोरोना से पूरी तरह हम नहीं जीतेंगे। गांव में संक्रमण को प्रवेश नहीं करने देने व स्थाई रूप से इससे लड़ने के लिए सभी को टीका लगाने का लक्ष्य तैयार कर जागरूकता अभियान चलाया। यहां रहने वाले 45 वर्ष की आयु से अधिक के 350 (शत-प्रतिशत) लोगों को टीका लगाया जा चुका है। 18 वर्ष से अधिक आयु वालों का टीकाकरण जारी है।


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