छत्तीसगढ़

कुपोषण की स्थिति को सामान्य स्तर पर लाना पहली प्राथमिकता : कलेक्टर लंगेह

Nilmani Pal
28 Sep 2024 9:20 AM GMT
कुपोषण की स्थिति को सामान्य स्तर पर लाना पहली प्राथमिकता : कलेक्टर लंगेह
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महासमुंद mahasamund news। जिले में पोषण माह के अंतर्गत “सक्षम सप्ताह“ का आयोजन 24 से 30 सितंबर तक किया जा रहा है। शुक्रवार को स्वामी आत्मानंद हायर सेकेण्डरी स्कूल के सभागार में शहरी परियोजना के समस्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का कार्यशाला आयोजित किया गया। जिसमें विविध व्यंजन, प्रतियोगिता, मेंहदी प्रतियोगिता, रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया और विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक श्री योगेश्वर राजू सिन्हा ने कहा कि शासन की मंशा है कि हर आंगनबाड़ी केन्द्र सक्षम हो। इन आंगनबाड़ी केन्द्रों को अधिक से अधिक जनसमुदाय के साथ जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि जिस तरह बच्चों के लिए मां प्रथम गुरू होता है उसी तरह आंगनबाड़ी केन्द्र शिक्षा का पहला केन्द्र है। यहां बच्चे शिक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य और पोषण के संबंध में सही मायने में जागरूक होते है। इसमें आंगनबाड़ी केन्द्रों महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। उन्होंने आज के कार्यक्रम के लिए बधाई देते हुए कहा कि आज यहां विविध आयोजन देखकर खुशी हो रही है। उन्होंने कार्यशाला का शुभारम्भ सरस्वती मां के छायाचित्र में दीप प्रज्ज्वलित कर किया। mahasamund

कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने इस अवसर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को संबोधित करते हुए कहा कि गांव में आंगनबाड़ी केन्द्र स्वास्थ्य और पोषण का प्रथम सीढ़ी है। यहां बच्चे न केवल बच्चे सुपोषित होते है बल्कि खेल-खेल में शिक्षा भी प्राप्त करते हैं। उन्होंने पोषण माह अंतर्गत किए गए गतिविधियों का शासन के पोर्टल में एंट्री के लिए बधाई देते हुए कहा कि पूरे राज्य में महासमुंद जिला प्रथम स्थान पर है। जिसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम बधाई के पात्र हैं। कलेक्टर ने कहा कि हमारे सामने कुपोषण की स्थिति को शून्य करने की चुनौती है जिसे हमारे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं अवश्य पूरा करेंगे। इस अवसर पर दो बच्चों का अन्नप्रासन्न एवं दो महिलाओं की गोद भराई का कार्यक्रम आयोजित किया गया।

कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ बाल संरक्षण आयोग की सदस्य पुष्पा पाटले ने आज के कार्यक्रम की बधाई देते हुए कहा कि आंगबनबाड़ी कार्यकर्ताएं वास्तव में एक मां की तरह बच्चों का देखरेख करती है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका यशोदा मां की भांति हैं, जो भगवान कृष्ण का लालन-पालन किया। श्रीमती पाटले ने कहा कि शून्य से 18 वर्ष के किसी भी बालिका के उपर यदि किसी भी तरह की आपत्तिजनक कमेंट्स या बेड टच किया जाता है तो उसके खिलाफ पास्को एक्ट के तहत कार्रवाई होगी। उन्हेंने कहा कि किसी भी बालिका या बालक की सुरक्षा और संरक्षण के लिए बाल संरक्षण आयोग काम करती है। इसके लिए कोई भी पीड़ित आयोग से मदद ले सकते हैं।

जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री समीर पांडेय ने बताया कि सक्षम सप्ताह अंतर्गत सक्षम आंगनबाड़ी केंद्रों की सेवाओं व सकारात्मक परिवर्तन को विविध गतिविधियों एवं कार्यक्रमों के माध्यम से जनसमुदाय तक पहुंचाना है। साथ ही लोगों में पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। इस दौरान विभिन्न अभियान चलाकर संतुलित आहार के महत्व, फलों और सब्जियों की उपभोक्ता आदतों को बढ़ावा और आवश्यक पोषक तत्वों के बारे में जानकारी दी जाएगी। विभिन्न स्तरों पर, जैसे विद्यालय, कॉलेज और ग्राम पंचायतों में जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्यशालाएं, पोस्टर मेकिंग, निबंध लेखन, और अन्य प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम में जिला एवं महिला बाल विकास अधिकारी श्री अजय साहू सहित शहरी परियोजना के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका मौजूद थे।

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