![समर कैंप का कमाल, कहानी सुन बच्चों ने सीखा पढ़ना-लिखना समर कैंप का कमाल, कहानी सुन बच्चों ने सीखा पढ़ना-लिखना](https://jantaserishta.com/h-upload/2023/07/11/3147530-onlinesummercamp1590040137.avif)
पटना न्यूज़: समर कैंप का कमाल रहा कि कमजोर बच्चों ने कहानी सुनकर खेल-खेल में पढ़ना-लिखना सीख लिया.
अब ये स्कूली बच्चे अपनी कक्षा के अन्य विद्यार्थियों की तरह पाठ्यक्रम को बेहतर तरीके से समझ सकेंगे. सवाल के जवाब भी दे सकेंगे. बता दें कि कमजोर बच्चों को पढ़ाने के लिए समर कैंप में विभिन्न गतिविधियों को माध्यम बनाया गया. इसमें आओ खेलें, बारहखड़ी, शब्दकोश, कहानी आदि गतिविधियां शामिल थीं. इनमें सबसे अधिक फायदा बच्चों को कहानी गतिविधि से हुई. इसके तहत बच्चों को कहानी सुनाई गई. सवाल पूछे गए. कहानी का वीडियो बनाकर दिखाया गया. हर कहानी में जोड़, घटाव, गुणा के साथ भाषा को ठीक किया गया. इससे ना सिर्फ गणित में सुधार हुआ बल्कि भाषा में भी दुरुस्त् हुई.
ये बातें बिहार शिक्षा परियोजना परिषद और प्रथम संस्था के द्वारा समर कैंप के बाद जारी रिपोर्ट में सामने आयी है. समर कैंप में 12 लाख 43 हजार विद्यार्थी शामिल हुए थे. इसमें साढ़े सात लाख ऐसे बच्चे हैं जो अब अपने पाठ्यक्रम को सही से पढ़ और समझ सकते हैं. इससे बच्चों को अधिक फायदा हुआ. बिहार शिक्षा परियोजना परिषद और प्रथम संस्था ने हर दिन की प्रोग्रेस शीट तैयार की. इसमें जिलावार बच्चों का प्रोग्रेस निकाला गया है. इसमें 537 प्रखंडों के 36360 गांवों के बच्चों को पढ़ाया गया है.
30 जून तक चला कैंप, भाषा-गणित पर रहा विशेष ध्यान
एससीईआरटी (राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद) ने फरवरी 2023 में एक सर्वे किया था. इसमें पांचवीं व छठीं के12 लाख से अधिक बच्चे दूसरी और तीसरी कक्षा की किताबें नहीं पढ़ पा रहे थे. सर्वे को आधार स्तर मानकर गर्मी छुट्टी में बच्चों को पढ़ाने का निर्णय लिया गया. एक माह की गतिविधियों की सूची बनाई गयी. इसमें भाषा और गणित पर विशेष ध्यान दिया गया. कैंप 30 जून तक चला. पटना के डीईओ अमित कुमार ने बताया कि गर्मी छुट्टी में कमजोर बच्चों को चिह्नित किया गया. हर स्कूल के प्राचार्य से ऐसे बच्चों की सूची ली गई. इन को पढ़ाने के लिए सामाजिक संगठनों की मदद ली गयी.
रिपोर्ट पर एक नजर
कुल शामिल हुए बच्चे 1243305
कहानी पढ़ने वाले बच्चे 736897
पारा पढ़ने वाले बच्च 328138
शब्द पढ़ने वाले बच्चे 267147
अक्षर पहचानने वाले बच्चे 155196