बिहार

आयुष डॉक्टरों पर निर्भर हैं गांवों के सरकारी अस्पताल, भवन है पर डॉक्टर ही नहीं

Admin Delhi 1
22 March 2023 8:39 AM GMT
आयुष डॉक्टरों पर निर्भर हैं गांवों के सरकारी अस्पताल, भवन है पर डॉक्टर ही नहीं
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कटिहार न्यूज़: सरकारी अस्पताल एमबीबीएस चिकित्सकों की कमी का दंश झेल रहा है. एमबीबीएस और विशेषज्ञ एमडी के अभाव में जिले के अधिकांश सरकारी अस्पताल आयुष चिकित्सकों के भरोसे चल रहा है. रात हो दिन हर समय आयुष चिकित्सक ही एलोपैथिक डॉक्टरों की जगह पर बैठकर रोगियों को एलेपैथिक दवा न केवल प्रिसक्राइब करते हैं बल्कि इलाज भी करते हैं. यह हालात सदर अस्पताल छोड़ कर अधिकांश सरकारी अस्पतालों का हैं. जिले में सदर अस्पताल के अलावा अनुमंडल, रेफरल, सामुदायिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित है. इन अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए 400 से अधिक एमबीबीएस का पोस्ट स्वीकृत है. मगर 100 से भी कम पद पर चिकित्सक तैनात है. 300 से अधिक पद चिकित्सकों का खाली पड़ा है. सदर अस्पताल में 30 से अधिक चिकित्सक तैनात है. इस अस्पताल के चिकित्सकों को विभिन्न प्रकार के जांच टीम, विशेष टीम, पोस्टमार्टम आदि कार्य में प्रयोग करने के कारण विशेष चिकित्सकों का समुचित लाभ सदर अस्पताल के रोगियों को नहीं मिल पाता है.

भवन है पर डॉक्टर ही नहीं

डंडखोरा, समेली, बरारी, मनसाही और कदवा में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र यानि 30 बेड का अस्पताल 2018 में ही बनाया गया. उपकरणों की व्यवस्था भी की गई. मगर पांच साल बाद भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन अस्पतालों में चिकित्सकों का पद को सेंक्शन नहीं किया गया. अब ये सभी बेड यूं ही शोभा की वस्तु बने हुए हैं.

एक डॉक्टर से कई कार्य

जिले में चिकित्सकों की कमी के कारण एक ही चिकित्सक से कई प्रकार का कार्य लिया जाता है. जिस प्रखंड में एक या तीन चिकित्सक हैं. वहां पर इमरजेंसी सेवा भी आयुष चिकित्सक ही चलाते हैं. एक चिकित्सक से कई र्प्रकार का कार्य लेने से चिकित्सकों की मानसिक स्थिति खराब हो जाता है.

मनिहारी अस्पताल में तीन को बारसोई में आठ चिकित्सक

मनिहारी में 3 तो बारसोई में आठ चिकित्सक तैनात हैं. इसके अलावा कुर्सेला में 8 की जगह 3, समेली में 8 की जगह 3, कदवा में 8 की जगह एक, डंडखोरा में एक, बरारी में 4में शून्य, प्राणपुर, आजमनगर, कोढ़ा और फलका में 13 चिकित्सकों के बदले तीन से पांच, अमदाबाद, बलरामपुर, मनसाही, हसनगंज, सदर प्रखंड में कहीं पर एक तो कहीं पर तीन चिकित्सक तैनात हैं. प्रखंडों में आम लोगों को इलाज से लेकर स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ पहुंचाने में आरबीएसके के चिकित्सकों को तैनात किया गया है.

चिकित्सकों की भारी कमी है. आयुष चिकित्सक, डेंटिस्ट व एमबीबीएस तीनों मिलकर हर संभव स्वास्थ्य सेवा दे रहे हैं. बहाली होने पर चिकित्सकों तैनात होंगे

-डॉ. जितेंद्र नाथ सिंह, सिविल सर्जन

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