नालंदा न्यूज़: मौसम की मार से नालंदा के किसान कराह रहे हैं. दोपहर में हुई बेमौसम की बारिश ने किसान उत्पादकों की कमर तोड़ डाली है. हार्वेस्टिंग के स्टेज में आ चुकी प्याज के पौधों के डंठल में पानी जाने से सड़न की समस्या पैदा होगी.
इतना ही नहीं स्टोरेज क्षमता भी घटेगी. उनकी मेहनत के साथ पुंजी डूबेगी. खलिहालों में रखे गेहूं के बोझे भींग गये हैं. थ्रेसरिंग का काम ठप हो गया है. नमी की वजह से सड़न की समस्या उत्पन्न होने की आशंका भी बढ़ गयी है. गेहूं की कटनी भी प्रभावित हो गयी है. थोड़ी राहत यह कि मक्के, मूंग और सब्जी की फसलों को बारिश से फायदा हुआ. साथ ही तापमान में गिरावट होने से लोगों को गर्मी की तपिश से राहत मिली है. सरदार बिगहा के किसान धनंजय कुमार, नूरसराय के जगदीश प्रसाद, हरनौत के उदय कुमार, अस्थावां के राजेश कुमार कहते हैं कि पिछले 22 अप्रैल से कभी बारिश तो कभी आंधी फसलों को बर्बाद कर रही है. मौसम के तेबर तैयार फसलों के बिल्कुल विपरीत है. वर्तमान में प्याज की हार्वेस्टिंग हो रही है. हुई बारिश से तैयार फसल को काफी नुकसान पहुंचा है. चिंता यह भी कि डंठल में बारिश का पानी चले जाने से अब फंगल (गलन) लगेंगे. इससे सड़न की समस्या उत्पन्न होगी. परेशानी यह कि तैयार प्याज की स्टोरेज क्षमता घट जाएगी. चाहकर भी इसे अब घरों में नहीं रख सकेंगे. औने-पौने दाम में बेचना लाचारी बन जाएगी. गेहूं के बोझे खलिहानों में रखे हैं. बारिश और हवा में नमी के कारण दौनी का काम बिल्कुल ठप पड़ गया है. कुछ दिन मौसम का हाल ऐसा ही रहा तो तैयार फसल बर्बाद हो जाएगी. किसानों का कहना है कि मौसम का वर्तमान मिजाज गेहूं की दौनी के लिए बेहतर नहीं है. जबतक खिली धूप नहीं निकलेगी, तबतक दौनी करना संभव नहीं है.
धूप निकलने पर खलिहानों में रखे बोझों को खोलकर अच्छी तरह फैला दें.
● फसल जल्द सूख जाएगी तो नुकसान कम होगा. सड़न की समस्याएं कम होंगी.
● खलिहानों में अगर जलभराव हो गया है तो जलनिकासी का उपाय करें.
मिट्टी सूखने के बाद ही करें हार्वेस्टिंग:
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के जिला तकनीकी पदाधिकारी धनंजय कुमार कहते हैं कि बारिश होने से तैयार प्याज की फसलों को निश्चित तौर पर नुकसान हुआ है. किसानों के पास नुकसान के ग्राफ को कम करने का एक ही उपाय है. जबतक खेतों की मिट्टी सूख नहीं जाती है, तबतक हार्वेस्टिंग करने से बचें. देर से हार्वेस्टिंग करेंगे तो ठंडल में गया पानी सूख जाएगा. किसानों के लिए बारिश अवसर लेकर आया है. खेतों में नमी होने से ढैंचा की खेती कर सकते हैं.
मूंग, मक्का और सब्जी की फसलों को बारिश से राहत मिली है.