बिहार

सदर अस्पताल में दिन के दो बजे बंद हो जाती है अल्ट्रासाउंड जांच, मरीज होते परेशान

Admin Delhi 1
19 Jun 2023 10:52 AM GMT
सदर अस्पताल में दिन के दो बजे बंद हो जाती है अल्ट्रासाउंड जांच, मरीज होते परेशान
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मधुबनी न्यूज़: सदर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की सेवा 24 घंटे नहीं रहने से मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है. यह सेवा दोपहर दो बजे के बाद बंद हो जाती है. अभी अस्पताल के ओपीडी में सिर्फ 25 से 30 मरीजों का ही अल्ट्रासाउंड हो पाता है. अस्पताल से मिली जानकारी के मुताबिक इनदिनों प्रतिदिन 60 से 70 मरीजों को डॉक्टर अल्ट्रासाउंड की सलाह दे रहे हैं. अल्ट्रासाउंड सेंटर की क्षमता में कमी की वजह से कम ही मरीजों को अल्ट्रासाउंड हो पाता है. बांकी के मरीजों को बाहर से ही अल्ट्रासाउंड करवाने की मजबूरी है.

चाइल्ड वार्ड में भर्ती गुंजन शर्मा (12) को डॉक्टर ने दो बजे के बाद अल्ट्रासाउंड लिखा. उसकी मां रिंकू देवी पूरे शहर के अल्ट्रासाउंड सेंटर का चक्कर लगा लिया, मगर कहीं भी बाहर से अल्ट्रासाउंड नहीं हुआ. सभी बंद मिले. बाद में सुबह बाहर से अल्ट्रासाउंड करवाना पड़ा.

वहीं अस्पताल पहुंची मनोरमा देवी की बहू को गायनिक विभाग में अल्ट्रासाउंड लिखा गया, पर करीब 130 बजे तक उनका अल्ट्रासांउड नहीं हो सका था. बार-बार उन्हें अगले दिन का नंबर दिया जा रहा था. पेट दर्द की शिकायत पर इमरजेंसी पहुंचे राम विनय को भी डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड सहित अन्य जांच करवाने के लिए बोला पर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड नहीं हो सका. तबतक ओपीडी का समय समाप्त हो चुका था. मरीज अस्पताल में सिटी स्कैन और एक्सरे की तरह अल्ट्रासाउंड जांच भी 24 घंटे हो. सदर अस्पताल मे अल्ट्रासाउंड मशीन की क्षमता भी काफी कम है.

सदर अस्पताल में 700 मरीज रोजाना पहुंचते हैं

ओपीडी में प्रतिदिन करीब 700 तक मरीज पहुंचते हैं. इनमें से करीब 200 से अधिक मरीज गायनिक विभाग के होते हैं. अधिकतर गर्भवती को अल्ट्रासाउंड लिखा जाता है. इसमें अधिक समय लगता है. मरीजों का कहना है कि अस्पताल में लगी मशीनें काफी पुरानी हैं. साफ प्रिंट नहीं आने की वजह से भी मरीजों को बाहर से अल्ट्रासाउंड करवाने की मजबूरी है.

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