भागलपुर: राष्ट्रीय उच्च पथ (एनएच) के निर्माण में फ्लाई ऐश की कमी नहीं होगी. इसको लेकर सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (मोर्थ) ने सभी पावर थर्मलों को निर्देश दिया है. मोर्थ ने फ्लाई ऐश की कमी से अमूमन सभी राज्यों में आ रही दिक्कतों पर गंभीरता दिखाते हुए थर्मल पावर के वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र दिया है.
थर्मल से फ्लाई ऐश के उठाव को लेकर कुछ तकनीकी बाधा भी मोर्थ ने खत्म की है. कई परियोजनाओं की समीक्षा में आया कि थर्मल से फ्लाई ऐश मुफ्त में दिया जाना है. इसके लिए संबंधित प्रोजेक्ट के अधिकृत ट्रांसपोर्टरों को ढुलाई चार्ज भी संबंधित थर्मल को पेमेंट करना है. लेकिन कुछ थर्मलों द्वारा ट्रांसपोर्टरों को कई माह से पेमेंट नहीं किया गया है. जिससे ट्रांसपोर्टरों ने फ्लाई ऐश उठाना बंद कर दिया है.इसका दो असर हुआ. पहला, थर्मल के पास फ्लाई ऐश का अंबार लग गया और दूसरा, रनिंग प्रोजेक्ट का काम रुक सा गया या धीमी गति से चलने लगा है. मोर्थ ने पाया कि ट्रांसपोर्टरों से सर्टिफिकेट समय से नहीं मिलने से थर्मल पेमेंट रोक देता है. इसलिए मोर्थ ने ट्रांसपोर्टरों से सर्टिफिकेट की अनिवार्यता को लेकर ढील दी है. कुछ थर्मल द्वारा फ्लाई ऐश की कमी बताकर ट्रांसपोर्टरों को वापस भी किया जाता है. इस पर मोर्थ ने कहा कि यदि थर्मल के पास राख नहीं है तो उन्हें नॉन अवेलेबिलिटी सर्टिफिकेट देना होगा. ताकि स्थिति का पता चले. बता दें कि किसी भी थर्मल के 300 किमी की परिधि के जिलों को फ्लाई ऐश मुफ्त में दिया जाता है. साथ ही ढुलाई में प्रयुक्त होने वाले वाहनों का खर्च भी वहन करना होता है. भागलपुर में ग्रीनफील्ड फोरलेन, एनएच 80, समानांतर पुल समेत कई प्रोजेक्ट में फ्लाई ऐश की जरूरत होती है.
एनएच डिवीजन के कार्यपालक अभियंता ब्रजनंदन कुमार ने बताया कि फ्लाई ऐश की कमी से एनएच 80 के निर्माण में दिक्कत हो रही है. एनटीपीसी से ट्रांसपोर्टरों को ज्यादा राख नहीं मिल रहा है. इसको लेकर एनटीपीसी और जिला प्रशासन को पत्र भी दिया गया है.