मधुबनी न्यूज़: गंगौर गांव के हाजिनगर टोला के वार्ड नम्बर 10 में एक सामुदायिक भवन को तोड़कर बनाए गए निजी मकान पर पांच साल बाद लोक जन शिकायत निवारण कार्यालय के आदेश पर प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर कार्रवाई की है.
गंगौर पंचायत व गांव के हाजिनगर में आरओ नीलेश कुमार, हरलाखी थाना के प्रशिक्षु एसआई आदित्य कुमार, एएसआई अबुल कलाम एजाज, धयानि पासवान, खिरहर थाना के एएसआई जयप्रकाश समेत पुलिस बल के साथ अधिकारियों ने कार्रवाई की है. स्थानीय मो अताबुल इस सामुदायिक भवन का छत तोड़कर दिया और चारो तरफ चारदीवारी खड़ी कर भवन को अपने मकान के अंदर ले लिया. मो. हबीब ने सामुदायिक भवन को अतिक्रमण मुक्त कराने को लेकर स्थानीय सरपंच, अंचल कार्यालय व लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, वरीय अधिकारी को आवेदन दिया था.
सीआईडी के एसपी बनने के बाद मनीष कुमार का यह झंझारपुर पहली बार पहुंचे थे. इसलिए वह सभी जानकारी लेना चाह रहे थे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पुलिस अधिकारी की तरफ से तत्कालीन एडीजे व अन्य लोगों पर दर्ज केस के मामले की भी जांच तेजी से चल रही है. नार्को टेस्ट सहित अन्य जांच भी दोनों केस में सहयोग करेंगे.
‘सीआईडी एसपी घटना से जुड़ी सभी जानकारी जुटा रहे थे’
सीआईडी एसपी के साथ इंस्पेक्टर मधुरेंद्र कुमार के अलावा अन्य लोग मौजूद थे. दूसरी तरफ स्थानीय स्तर पर झंझारपुर एवं फुलपरास के एसडीपीओ, झंझारपुर के एसएचओ व अन्य अधिकारी मौजूद थे.
दरअसल, 18 नवंबर 2021 को तत्कालीन एडीजे अविनाश कुमार व पुलिस के बीच हुए विवाद में दो पुलिस पदाधिकारियों का नार्को, लाई डिटेक्टिव और ब्रेन मैपिंग टेस्ट होगा. इसके लिए घोघरडीहा थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष और वर्तमान में जयनगर में पदस्थापित जेएसआई गोपाल कृष्ण और घोघरडीहा के ही तत्कालीन जेएसआई और वर्तमान में राजनगर में पदस्थापित जेएसआई अभिमन्यु शर्मा कोर्ट में उपस्थित होकर स्वीकृति दे दी है. अधिवक्ता ने बताया कि ब्रेन मैपिंग या इस तरह के अन्य टेस्ट के लिए व्यक्तिगत स्वीकारोक्ति जरूरी है. उक्त केस की सुनवाई शुरू हो गई है. प्रत्येक तिथि पर सदेह उपस्थित होने का आदेश है.