बिहार

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए दूसरे शहरों का रुख कर रहे विद्यार्थी

Admin Delhi 1
8 April 2023 8:56 AM GMT
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए दूसरे शहरों का रुख कर रहे विद्यार्थी
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पटना न्यूज़: मैट्रिक परीक्षा का परिणाम आने के बाद उत्तीण हुए छात्र-छात्राओं की पहली प्राथमिकता अब बढ़िया से बढ़िया कॉलेजों में एडमिश्न लेकर इंटर की पढ़ाई शुरू करना है.

इसके लिए वह किसी भी हाल में समझौता नहीं करना चाहते. काफी संख्या में ऐसे भी बच्चे हैं, जो परीक्षा देने के साथ ही बाहर का रुख कर चुके हैं, जो नहीं गए हैं, वह आगे के करियर को देखते हुए बाहर निकलना ही उचित समझ रहे हैं. कारण जिले में तकनीकी शिक्षा पर केन्द्रित स्तरीय संस्थानों का एक प्रकार से नहीं होना और सबसे बड़ी बात गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की कमी. शिक्षाविदों के अनुसार, जो छात्र-छात्राएं अपने भविष्य को लेकर अधिक संवेदनशील हैं और करियर को लेकर तरह-तरह की महत्वाकांक्षाएं हैं, वह मैट्रिक का रिजल्ट आने के साथ ही बाहर पढ़ाई करने निकल जा रहे हैं. कारण कि उनकी महत्वाकांक्षाएं कहीं न कहीं अपने जिले के शिक्षण संस्थानों में पूरी होती नहीं दिख रही है. उनके इस निर्णय में माता-पिता भी बिना समय गंवाए उनकी मदद कर रहे हैं. सामाजिक कार्यकर्ता व महाविद्यालय के वरीय प्राध्यापक ने बताया कि जिले में वैसे शिक्षण संस्थान नहीं हैं, जहां बच्चे का करियर सही दिशा में खड़ा हो सके. डिग्री बांटने वाले शिक्षण संस्थान हैं, जहां की डिग्री लेकर भविष्य में छात्र टिक नहीं सकते. ऐसे में गुणवत्तापूर्ण शिक्षण संस्थानों की कमी आज भी बनी हुई है. पारंपरिक शिक्षण संस्थान हैं, लेकिन टेक्निकल संस्थान व आधुनिक शिक्षा पर आधारिक संस्थाएं पूरी तरह से नहीं हैं. लिहाजा मैट्रिक के बाद भविष्य को बनाने के लिए पलायन करना ही विकल्प दिख रहा है.

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था का नहीं होना पलायन का मुख्य कारण

जिले के एक चर्चित महाविद्यालय में राजनीति शास्त्रत्त् विभाग के वरीय प्राध्यापक का मानना है कि जिले में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था का नहीं होना, मैट्रिक बाद छात्रों के पलायन का प्रमुख कारण है. उन्होंने बताया कि इंटरमीडिएस मेडिकल व इंजीनियरिंग का बेस है, लिहाजा जो छात्र-छात्राएं बढ़िया करना चाहते हैं, या एफोर्ड कर सकते हैं, वह कोटा, बनारस, इलाहाबाद निकल जाते हैं. जो थोड़ा नीचे के होते हैं, वह पटना चले जाते हैं. ऐसे छात्र कॉलेज में नामांकन लेकर कोचिंग को प्राथमिकता देते हैं, क्योंकि जिले में कहीं न कहीं शिक्षा की व्यवस्था सही नहीं दिखती है. ऐसा भी देखने को मिलता है कि स्थानीय स्तर पर भी नामांकन लेकर बड़े शहरों में जाकर कोचिंग के जरिए आगे की पढ़ाई जारी रखते हैं, ताकि भविष्य सुरक्षित व बेहतर हो सके.

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