मोतिहारी: चिरैया व घोड़ासहन की संधि स्थल पर अवस्थित बगहा गांव निवासी जगदीश प्रसाद के पुत्र व एसएसबी जवान धर्मेन्द्र कुमार का शव गांव में पहुंचते ही कोहराम मच गया. आसपास के गांवों की सड़कें बगहा की ओर मुड़ गई थी. उपस्थित लोग भारत माता की जय के नारे लगा रहे थे. वही परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. उनकी हत्या से लोगों में गम व गुस्से का भाव था.
शहीद जवान की पत्नी व आशा कार्यकर्ता सुनीता सिन्हा पर बार बार बेहोशी हो रही है. उसे भरोसा नहीं हो रहा है कि उसके पति की मौत हो गई है. उसकी सूनी आंखें भीड़ में अपने पति को ढूंढ रही थी. वही उसके इकलौते पुत्र ओम कुमार की भी रो-रो कर बुरा हाल था. वह दहाड़े मारकर कह रहा था कि अब उसके भविष्य का क्या होगा. इधर उसके पिता जगदीश प्रसाद व माता सवारी देवी भी छाती पीट पीट कर रो रहे थे. शहीद जवान एसएसबी में ज्वाइन करने के पहले शिक्षक था. वर्ष 2005 में बतौर शिक्षा मित्र उसका नियोजन निमोईया पूर्वी पंचायत केराजकीय प्राथमिक विद्यालय नगरवा उर्दू में हुआ था. जहां सफलतापूर्वक शिक्षण कार्य करने के दौरान वर्ष 2007 में उसकी बहाली एसएसबी में जवान के रूप में हुई थी. वह तीन भाई बहनों में छोटा था. वह एकमात्र कमाऊ सदस्य था. पुत्र ओम कुमार नौंवी कक्षा में पढ़ता है. जबकि बड़ी पुत्री रेशू कुमारी पटना में रहकर ग्रेजुएशन कर रही है. वहीं छोटी पुत्री निधि कुमारी इंटर की छात्रा है. जवान के मौत की खबर मिलते ही पूरे गांव में कोहराम मच गया. तिरंगा में लिपटे हुए उसके पार्थिव शरीर को पुलिस व एसएसबी के जवानों ने कंधा दिया. जवानों व ग्रामीणों ने पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी. वही घोड़ासहन थानाध्यक्ष संतोष कुमार शर्मा व एसएसबी के असिस्टेंट कमांडर गोपाल चकमा के नेतृत्व में गार्ड ऑफ ऑनर की सलामी दी गई.