रोहतास: राज्य के 35 फीसदी वाहन चालकों की आंखों में रोशनी की दिक्कतें हैं. ये बातें परिवहन विभाग की नेत्र जांच में निकल कर सामने आयी है. अब ऐसे सभी वाहन चालकों को चश्मा दिया जाएगा. इसके लिए परिवहन विभाग ने सभी जिला परिवहन कार्यालय को सूचित किया है.
सभी जिला परिवहन कार्यालय के माध्यम से नेत्र जांच शिविर का भी आयोजन किया जाएगा. ट्रक, बस, ऑटो और ट्रैक्सी चालक कुल मिलाकर पूरे बिहार में दो लाख के लगभग हैं. इसमें 35 हजार के लगभग वाहन चालकों के आंख की रोशनी में दिक्कतें हैं. राज्य में सभी जगहों पर सड़क सुरक्षा रहें, सुगम एवं सुरक्षित परिचालन के मकसद से इसे शुरू किया जा रहा है. सभी वाहन चालकों की वर्ष में एक बार नेत्र की नि:शुल्क जांच की जाएगी. जांच के बाद नि:शुल्क चश्मा वितरण भी किया जाएगा.
जिलास्तर पर महिने के अंतिम : जिला स्तर पर प्रत्येक माह के अंतिम नि:शुल्क नेत्र जांच शिविर का आयोजन किया जाएगा.
नेत्र जांच के लिए जिला पदाधिकारी के पर्यवेक्षक में सिविल सर्जन शिविर का इंतजाम करेंगे. साथ में जिला परिवहन पदाधिकारी इसमें सहयोग देंगे.
जिला परिवहन कार्यालय स्तर पर दिया जाएगा चश्मा : नेत्र जांच के दौरान जिन वाहन चालकों को कम दिखाई देने की दिक्कतें पकड़ में आएगी. उन वाहन चालकों को जिला परिवहन कार्यालय के माध्यम से चश्मा दिया जाएगा. इसके लिए वाहन चालकों की सूची सिविल सर्जन द्वारा उपलब्ध करवायी जाएगी.
बता दें कि राज्य भर के पंजीकृत प्रत्येक वाहन चालकों को साल में एक बार नेत्र जांच करवाना अनिवार्य है.
30 से अधिक वाहन चालक की उम्र 40 पार
राज्यभर में 30 फीसदी यानी 30 हजार के लगभग वाहन चालकों की उम्र 40 के पार है. वहीं वाहन चालक अपनी रोजी रोटी के कारण आंख की सफाई पर ध्यान नहीं देते. सफर के दौरान धूल, धूप से सामना होता है. ऐसे में आंख की रोशनी पर इसका असर ज्यादा होता है. इससे आंख की जांच जरूरी है.
सभी वाहन चालकों की नेत्र जांच होगी. आंखों में दिक्कत होगी या रोशनी कम होगी तो उन्हें डॉक्टर के अनुसार पावर वाला चश्मा दिया जाएगा.
-पिंकू कुमार, डिप्टी डीटीओ, पटना