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ईओयू द्वारा मामले में मुख्य आरोपी एक निजी कॉलेज के प्रिंसिपल को किया गिरफ्तार

Ritisha Jaiswal
25 Jun 2022 2:36 PM GMT
ईओयू द्वारा मामले में मुख्य आरोपी एक निजी कॉलेज के प्रिंसिपल को किया गिरफ्तार
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बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की महत्वाकांक्षी राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा पेपर लीक मामले के तार सत्ताधारी दल जदयू से जुड़ रहे हैं

बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की महत्वाकांक्षी राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा पेपर लीक मामले के तार सत्ताधारी दल जदयू से जुड़ रहे हैं। मामले में हुई हालिया गिरफ्तारी इसी ओर संकेत करती है। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) द्वारा मामले में मुख्य आरोपी एक निजी कॉलेज के प्रिंसिपल को गिरफ्तार किया है। प्रिंसिपल जनता दल यूनाइटेड का करीबी है।

बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने जानकारी दी कि बीपीएससी पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी एक निजी ईवनिंग कॉलेज का प्रिंसिपल निकला है। आरोपी शक्ति कुमार को गया जिले से गिरफ्तार किया है। इस कॉलेज की संबद्धता कुछ साल पहले 2018 में समाप्त हो गई थी, लेकिन कई परीक्षाओं के लिए परीक्षा केंद्र के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था। आठ मई, 2022 को आयोजित बीपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा का एक केंद्र इस कॉलेज में था।
ईओयू ने कहा कि परीक्षा के दिन केंद्राधीक्षक के रूप में राम शरण सिंह ईवनिंग कॉलेज में मौजूद शक्ति कुमार ने प्रश्न-पत्र को स्कैन किया और इसे कपिल देव नामक व्यक्ति के साथ व्हाट्सएप पर साझा किया था। बाद में प्रश्न पत्र का एक सेट सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद यह परीक्षा रद्द कर दी गई थी। ईओयू ने कहा कि कपिल देव एक नागरिक सुरक्षा लेखा कर्मचारी है, जिसके बारे में कहा जाता है कि उसने लीक के पीछे गिरोह के इंजीनियरिंग स्नातक मास्टरमाइंड पिंटू यादव को स्कैन की हुई कॉपी दी थी। पुलिस ने कहा कि कपिल देव और पिंटू यादव का पता लगाने के प्रयास जारी हैं।
इस बीच, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू को यह पता चला कि शक्ति कुमार के पार्टी के संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के साथ घनिष्ठ संबंध थे। हालांकि, कुशवाहा ने इस बात से इनकार नहीं किया कि शक्ति कुमार ने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी में एक महत्वपूर्ण पद संभाला था, जिसे पिछले साल जद (यू) के साथ विलय कर दिया था।
कुशवाहा ने कहा कि लेकिन शक्ति कुमार को जांच का सामना करना होगा। इसके साथ ही कुशवाहा ने कहा कि कानून अपना काम करेगा। इसकी भी जांच होनी चाहिए कि कॉलेज को संबद्धता खो देने के बाद भी परीक्षा केंद्र के रूप में कैसे चयनित किया गया।


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