बिहार

संक्रमण जिले में लंपी बीमारी का पशुओं में बढ़ा प्रकोप, पशुपालक हो रहे परेशान

Admin Delhi 1
12 July 2023 7:25 AM GMT
संक्रमण जिले में लंपी बीमारी का पशुओं में बढ़ा प्रकोप, पशुपालक हो रहे परेशान
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मधुबनी न्यूज़: जिले में लंपी बीमारी का कहर जारी है. अब तक दो दर्जन से भी अधिक पशुओं की इस बीमारी के कारण मौत हो चुकी है. अधिकतर पशु इस कदर से बीमार हैं कि उनका उठना-बैठना, चलना-फिरना सबकुछ बंद हो चुका है. पूरे शरीर पर गाठें बन गई है. देखने में भी विचित्र लग रहा है.

प्राप्त जानकारी के मुताबिक रहिका, पंडौल, राजनगर सहित अन्य प्रखंडों में लंपी बीमारी का कहर जारी है. यह बीमारी लगातार बढ़ रही है. एक बीमार मवेशी से दूसरे मवेशी में संक्रमण फैल रहा है. रहिका प्रखंड नाजिरपुर गांव के पवन ठाकुर, रामकुमार ठाकुर, महेश मिश्र, देवेन्द्र ठाकुर, राजेन्द्र ठाकुर आदि ने मवेशी लंपी बीमारी से ग्रसित हैं. राम सुदिष्ट पांडेय व महेश मिश्र की बछिया को लंपी बीमारी ने लील लिया. इसके अलावा गांव में अन्य कई पशुपालकों के पशु बीमार चल रहे हैं. हालांकि, कुछ पशुओं में रिकवरी भी देखी जा रही है. इन पशुपालकों का कहना है कि बीमार मवेशी अब दूध देना भी बंद कर दिया है. इससे काफी आर्थिक नुकसान हुआ है. इस बाबत विभागीय पदाधिकारियों की टीम शिकायत के बाद पहुंची मगर देखने के बाद विभाग की ओर से कोई दवाएं नहीं दी गई. पंडौल प्रखंड की बिरौल पंचायत में गायों में लंपी बीमारी अधिक देखी जा रही है. पशुपालक मुरारी झा ने बताया कि इस बीमारी में गायों के पूरे शरीर पर चकता व घाव बन गया है. यह भयावह रूप ले लिया है. इनका कहना है कि जिला पशुपालक पदाधिकारी व प्रखंड पशुपालक पदाधिकारी को पशुपालकों ने जानकारी दी पर विभाग की ओर से अबतक कोई कारगर उपचार नहीं सुझाया गया है. इनमें से दुधारु पशु दूध देना पूरी तरह से बंद कर दे रहा है. पशु लगातार कमजोर होते चले जा रहे हैं, अगर यह संक्रमण फैलने का सिलसिलस ऐसे ही जारी रहा तो यह संक्रमण भयावह रूप ले सकता है. हालांकि कई डॉक्टरों ने बताया कि इसका इलाज होमियोपैथी में है. होमियोपैथी दवा से इस बीमारी से निजात पाया जा सकता है. हालांकि पशुओं के रिकवरी में करीब 20 से 25 दिनों का समय लग जाता है.

रहिका, पंडोल, राजनगर सहित कई प्रखंडों में इस बीमारी से पशु हो रहे बीमार

● अब तक कई पशुओं की इस बीमारी की वजह से हो चुकी है मौत

● लगातार इस बीमारी से संक्रमित हो रहे हैं पशु

● पशुओं के पूरे शरीर में पंजा रही है छोटी-छोटी गांठें

● विभाग ने कहा पूर्व में ही किया जा चुका है वैक्सीनेशन

● अन्य जिलों से मंगाए गए पशुओं की वजह से बढ़ा है संक्रमण

● इस बीमारी से ग्रसित दुधारू पशु पर हो रहा है अधिक प्रभाव

● बीमार पशुओं के पूरे शरीर पर बन जा रहा है चकत्ता व घाव

● डॉक्टरों ने कहा बीमारी का नहीं है कोई समुचित इलाज

बाहरी जिले से आने वाले पशुओं से संक्रमण की आशंका

बाहरी जिले समस्तीपुर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर से भी गायें इस जिले में आती हैं, ऐसे में बाहरी गायों से भी संक्रमण फैलने की आशंका रहती है. ऐसे में किसान अभी बाहर से गायें मंगाना छोड़ दें. साथ ही पशुपालक इस दौरान ताजा खाना मवेशी को खिलाएं. पौष्टिक भोजन से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहती है.

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