बीपीएससी की संरचना में बदलाव का किया विरोध, दरभंगा एम्स का भी उठाया गया मुद्दा
दरभंगा न्यूज़: बीपीएससी की 68वीं प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की संरचना में किए गए संशोधन में व्याप्त विसंगतियों के खिलाफ विभिन्न सामाजिक व राजनीतिक संगठनों ने एक मंच पर आकर समाहरणालय के समक्ष धरना दिया.
चेतना समिति, पटना के पूर्व अध्यक्ष विवेकानंद झा की अध्यक्षता में आयोजित धरने में विद्यापति सेवा संस्थान, अखिल भारतीय मिथिला संघ, अखिल भारतीय मैथिली परिषद, मिथिला राज्य संघर्ष समिति, अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति (दिल्ली/ काठमांडू), मैथिल समाज, रहिका, एमएसयू व मिथिला विकास परिषद (कोलकाता) आदि थे. विवेकानंद झा ने कहा कि संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल मैथिली व अन्य भाषाओं को से बीपीएससी में महत्वहीन बनाकर बिहार सरकार ने अपनी मंशा साफ कर दी है कि उसे मिथिला-मैथिली के विकास से कोई सरोकार नहीं है.
विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डॉ. बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल भाषाओं को इस परीक्षा की वैकल्पिक विषयों की सूची से हटाया जाना और मेधा सूची में इन विषयों के प्राप्तांक को नहीं जोड़े जाने का प्रावधान न्याय संगत नहीं है. ऐसा होने से भाषा साहित्य के प्रतिभावान छात्रों को न सिर्फ काफी नुकसान होगा, बल्कि ऐसी भाषाओं के व्यवहार में नहीं होने से धीरे-धीरे वे अपना अस्तित्व खो बैठेंगे. उन्होंने कहा कि बिहार लोक सेवा आयोग के इस निर्णय को लेकर उन्होंने पटना उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दी है और उचित न्याय मिलने तक यह आंदोलन जारी रहेगा. मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पं. कमलाकांत झा, विद्यापति सेवा संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. बुचरू पासवान, प्रो. उदय शंकर मिश्र, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. योगानंद झा, एमएसयू के अविनाश भारद्वाज, कांग्रेस नेता रामनारायण झा, भाजयुमो जिलाध्यक्ष बालेन्दु झा, स्वर्णिम किरण झा, दरभंगा जिला मुखिया संघ के अध्यक्ष महेश कुमार झा आदि ने भी धरने को संबोधित किया.
कार्यक्रम में प्रो. चंद्रशेखर झा बूढ़ा भाई, डॉ. गणेश कांत झा, प्रो. राम मोहन झा, सियाराम चौधरी, विनोद कुमार झा, प्रो. विजय कांत झा, राजेश चौधरी, चंद्रेश, जयराम झा, राजीव चौधरी, डॉ. ममता ठाकुर, नवल किशोर झा, आरके दत्ता, सुरेश पासवान, विपिन कुमार दास, शहाना खातून, पुरुषोत्तम वत्स, हरि किशोर चौधरी आदि थे.
इस दौरान दरभंगा एम्स का मुद्दा भी जोर-शोर से उठाया गया.