बिहार

जिले में कोरोना को लेकर बढ़ी चिंता, अस्पतालों में वैक्सीन नहीं

Admin Delhi 1
6 April 2023 7:38 AM GMT
जिले में कोरोना को लेकर बढ़ी चिंता, अस्पतालों में वैक्सीन नहीं
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गया न्यूज़: जिले में एक ओर कोरोना के तीन मरीज वर्तमान में एक्टिव हैं. वहीं दूसरी ओर जिले में कोविड वैक्सीन की भी कमी सामने आयी है. कोरोना के बढते मामले की खबर आने के बाद लोग एक बार फिर वैक्सीनेशन की ओर ध्यान देने लगे है. वहीं जिला में कोई भी वैक्सीन नही रहने के कारण कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीनेशन बंद है.

31 मार्च को को-वैक्सीन भी हुआ समाप्त जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. राजीव कुमार अंबष्ठ ने बताया कि जेपीएन अस्पताल में कोवैक्सीन लोगों को दिया जा रहा था. वह भी 31 मार्च के बाद समाप्त हो गया. वही कोविशील्ड व कोरवीवैक्स वैक्सीन पहले ही समाप्त हो गया था. ऐसे में कुछ लोग लौट भी रहे हैं. उन्होेंने बताया कि कोरवीवैक्स 14 नवंबर से समाप्त है. वही कोविशिल्ड 12 दिसंबर को समाप्त हुआ है. इस कारण सिर्फ कोवैक्सीन का डोज ही लोगों को दिया जा रहा था. वही भी समाप्त हो गया. वैक्सीन का डिमांड किया गया है. जल्द ही कोरवीवैक्स वैक्सीन चार से पांच हजार वाइल उपलब्ध हो जाने की उम्मीद है.

कोरोना को लेकर मगध मेडिकल की तैयारी पूरी

अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल अस्पताल में कोरोना को लेकर पुरी तरह से तैयारी है. इस संबंध में मेडिकल अधीक्षक डा. श्रीप्रकाश सिंह ने बताया कि अस्पताल में कोरोना को लेकर पुरी तैयारी है. दवा से लेकर बेड तक सुरक्षित है. यहां 50 से अधिक बेड सुरक्षित रखा गया है. सभी बेडों पर ऑक्सीजन की व्यवस्था है. अस्पताल के ऑक्सीजन प्लांट संचालित है. हमने चिकित्सकों को भी अलर्ट रहने का निर्देश दिया है.

जिले में वैक्सीन लेने की स्थिति इस प्रकार

● कुल वैक्सीन लेने वालों की संख्या

- 695555

● प्रिकॉशनरी डोज- 676731

● पहला डोज - 3139486

● सेकेंड डोज - 3089338

● 12-14 वर्ष के बीच - 244861

● 15-17 वर्ष तक बीच- 44484

● 18-44 वर्ष तक के बीच

-3758867

● 45-60 वर्ष तक के बीच

-1083166

● 60 से अधिक उम्र के - 856624

अस्पताल से लौट रहे हैं लोग, जल्द वैक्सीन आने की उम्मीद: कोविड के बढ़ते मामले की रिपोर्ट के बाद लोग वैक्सीन लेने के लिए अस्पतालों का रूख कर रहे हैं, लेकिन उन्हें बेरंग वापस लौटना पड़ रहा है. जिले के अस्पतालों में वैक्सीन ही नहीं है. सबसे बड़ी बात है कि स्वास्थ्य विभाग बूस्टर डोज देने के मामले में भी बहुत पीछे है, उसके सबसे बड़ा वैक्सीन का नहीं मिलना. जिले के शासकीय अस्पतालों की ओर से ताजा आपूर्ति के लिए जानकारी दी गई है. सबसे बड़ी बात यह है कि केस बढने के बाद अभी तक अस्पतालों में मरीजों के लिए अलग से कोई बेड नहीं बनाई गई है. लगभग पांच महीनों से वैक्सीन खत्म होने के बावजूद नहीं आना भी अपने आप में एक सवाल है.

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