पटना न्यूज़: देश के आईआईटी-एनआईटी सहित शीर्ष 119 इंजीनियरिंग संस्थानों की 57 हजार से अधिक सीटों के लिए ज्वाइंट काउंसिलिंग प्रक्रिया चल रही है. विद्यार्थी च्वाइस फिलिंग एवं पंजीयन कर सकते हैं.
प्रथम मॉक सीट आवंटन में 1 लाख 56 हजार विद्यार्थियों ने काउंसिलिंग में भाग लिया लेकिन इस वर्ष प्रथम मॉक सीट आवंटन के अनुसार 1 लाख 55 हजार 778 विद्यार्थियों ने काउंसिलिंग में भाग लिया है, जबकि गत वर्ष प्रथम मॉक सीट आवंटन में 1 लाख 81 हजार 914 विद्यार्थियों ने विकल्प भरा था. इस वर्ष करीब 26 हजार विद्यार्थी काउंसिलिंग में कम शामिल हुए हैं. इसका बड़ा कारण इस वर्ष आईआईटी- एनआईटी प्रवेश के लिए बोर्ड पात्रता की बाध्यता को माना जा रहा है, क्योंकि इस वर्ष विद्यार्थियों को आईआईटी-एनआईटी में प्रवेश के लिए 12वीं बोर्ड में 75 अथवा संबंधित बोर्ड के कैटेगिरी अनुसार टॉप-20 पर्सेन्टाइल में शामिल होना अनिर्वाय रखा गया है. गत तीन वर्षों से इसमें रियायत दी जा रही थी और प्रवेश के लिए 12वीं उत्तीर्ण विद्यार्थी योग्य थे.
बोर्ड टॉप-20 पर्सेन्टाइल स्कोर जारी होने के बाद और पूर्व में घोषित 75 पात्रता की बाध्यता से अब विद्यार्थियों ने अच्छी रैंक आने के बाद भी स्वयं को अयोग्य मानते हुए काउंसिलिंग में रुचि लेना बंद कर दिया है.
इसका एक कारण यह भी है कि विद्यार्थियों को सीट आवंटन के बाद काउंसिलिंग शुल्क करीब 40 हजार रुपए जमा करवाना पड़ता है और उसके बाद डॉक्यूमेंट्स की जांच कर ही आवंटित सीट को कन्फर्म किया जाता है. ऐसे में पात्रता पूरी नहीं करने की स्थिति में आवंटन निरस्त होने की पूरी आशंका है.