बिहार: न्यूज़ डेस्क लोक शिकायत निवारण अधिनियम आम जनता की शिकायतों के निष्पदान में कारगर साबित हो रहा है. आम जनता की शिकायतें न सिर्फ निर्धारित समय सीमा में सुनी जा रही है बल्कि समय सीमा के अंदर निपटारा भी हो रहा है.
लोग सरकारी दफ्तरों का बार-बार चक्कर लगाने के बजाय लोक शिकायत निवारण केन्द्रों में अपनी समस्याएं दर्ज करा रहे हैं. लोग खुद ही अपनी समस्या दर्ज करा रहे हैं. इस अधिनियम के तहत कई लोगों के समस्याओं का निदान हुआ है. लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत मुंगेर में जिला स्तर पर जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय एवं तीन अनुमंडलों में कार्यरत अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण कार्यालय है. जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय में जनवरी से लेकर सात महीनों में 442 मामले की सुनवाई कर निष्पादन किया गया है. इसमें आपदा पीड़ितों को लाभ दिलाने, शिक्षकों के ईपीएफ कटौती की राशि उनके खाते में हस्तांतरित कराने के साथ ही कुछ लोगों के वर्षो से लंबित समस्या का भी निराकरण कराया गया है.
समय सीमा के अंदर शिकयत निवारण का प्रावधान आम नागरिकों की शिकायतों का एक निश्चित समय सीमा के अंदर (60 कार्य दिवस) में निशुल्क समाधान करने के उद्देश्य से 5 जून 2016 को पूरे राज्य में बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम लागू किया गया. बिहार लोक शिकायत अधिकार अधिनियम के तहत मुंगेर जिले में जिला स्तर पर जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय एवं सभी तीन अनुमंडलों में अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण कार्यालय कार्यरत है.
बोले अधिकारी
बेलन बाजार (घुरनाल गली)की पल्लवी गुप्ता पोल में अर्थिंग नहीं के कारण 10 वर्षो से वोल्टेज की समस्या को लेकर जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय मुंगेर में परिवाद दायर किया. इस संबंध में लोक प्राधिकार सह विद्युत कार्यपालक अभियंता मुंगेर को नोटिस निर्गत कर परिवाद का निवारण करते हुए प्रतिवेदन देने का आदेश दिया गया. इसके बाद परिवादी की समस्या का निवारण हो पाया.
तारापुर की प्रखंड शिक्षिका कुमारी सुनीति का ईपीएफ में 18 सौ रुपये जमा नहीं होने का मामला जिलाधिकारी के जनता दरबार के माध्यम से जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय को प्राप्त हुआ.सुनवाई के दौरान यह बात भी सामने आई कि सिर्फ परिवादी ही नहीं बल्कि करीब 100 प्रखंड शिक्षकों के ईपीएफ कटौती की राशि जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) शिक्षा विभाग द्वारा उनके ईपीएफ खाता में सितंबर 2020 से हस्तांतरित नहीं की गयी है.
इस परिवाद की सुनवाई के द्वारा परिवादी सहित 100 शिक्षकों के 33 माह (मई 2023) के ईपीएफ कटौती की राशि उनके ईपीएफ खाते में हस्तांतरित हो पाया.
लोक शिकायत निवारण अधिनियम आम जनता की शिकायतों के निष्पदान में कारगर साबित हो रहा है. इस अधिनियम के तहत राज्य सरकार की ओर से संचालित योजनाएं, कार्यक्रम एवं सेवाओं का लाभ यदि आम नागरिकों को प्राप्त नहीं हो रहा है तो इससे संबंधित परिवाद लोक शिकायत निवारण कार्यालय में दे सकते हैं.
-अनिल कुमार झा, जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, मुंगेर.