कटिहार न्यूज़: अमदाबाद प्रखंड के बैरिया पंचायत अंतर्गत नासी गांव के निकट से चर्गुवा बहियार होते हुए घसिया घाट एवं गोगाबिल होते हुए गंगा नदी तक 50 सालों से धार निरंतर चलती थी. यह धार सूखने का नाम ही नहीं लेती थी.
मगर इस बार तपती गर्मी में यह धार सूख गया है. कई जगहों पर दरारें पड़ गई है. इस धार से दर्जनों किसान धान की खेती करते थे. यह धार सूखने से दर्जनों किसान धान की खेती करने से वंचित रह गए है. इसको लेकर इलाके में चर्चा है. कमोबेश हर प्रखंडों का यही हाल है. पानी की धार, नहर में पानी सूखने की वजह से किसानों के सामने खेती चुनौती बनी हुई है.
मगर प्रशासनिक स्थिति ऐसी बनी है कि इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है. फिलहाल मखाना की खेती कर रहे किसानों के लिए पानी बड़ी समस्या बनी हुई है. कई प्रखंडों में लगे मखाना के फसल भी खराब हो रहे है.
सुखाड़ की परेशानी झेल रहे किसान मनसाही किसान बारिश नहीं होने से सुखाड़ की परेशानी झेल रहे है. खेत पड़ती पड़ी हुई है. मौसम की दगाबाजी से जमीन सूख कर फट चुकी है. पंपसेट से पानी पटाना किसानों के बस में नहीं रहा. तीन दशक से नहर में पानी के लिए लोग तरस रहे रहे है. किसान नरेश यादव, अजय दास, राजेंद्र मंडल, मो हसाम, संजीव सिंह, संतोष सिंह ने बताया कि सरकार नहर में पानी देती है तो अच्छी पहल होगी और इससे किसानों को फायदा होगा पानी देने में सरकार को दिक्कतें हो रही है तो वह किसानों से नहर के लिए ली गई जमीन किसानों को वापस कर दे. प्रखंड कृषि पदाधिकारी अरुण सिंह ने बताया कि नहर को देखने के लिए प्रखंड स्तर पर कोई भी विभाग नहीं है.