मधुबनी न्यूज़: जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनामिका टी ने कहा कि नशा एक ऐसी बुराई है जो हमारे अनमोल जीवन को नष्ट कर देती है. शराब व तंबाकू की लत से पीड़ित व्यक्ति परिवार के साथ-साथ समाज पर बोझ बन जाता है. वे अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस पर जिला जज प्रकोष्ठ में यह बातें कहीं.
जिला जज के साथ न्यायिक पदाधिकारी एवं कर्मियों ने एक स्वर में शपथ लेते हुए कहा कि हमलोग शराब, तंबाकू एवं नशा से संबंधित किसी भी पदार्थ का सेवन नहीं करेंगे. नशा के लिए किसी को प्रोत्साहित नहीं करेंगे. हमलोग नशा मुक्त समाज निर्माण में सहयोग करेंगे.
शपथ लेने वालों में प्रधान न्यायाधीश निखिलेश कुमार त्रिपाठी, एडीजे अनिल कुमार मिश्रा, पुनीत मालवीय, वेद प्रकाश मोदी, संकाश चंद्रा, गौरव आनंद, दिवेश कुमार, राघवेंद्र विक्रम सिंह परमार, सीजेएम अंजनी कुमार गोंड, एसीजेएम अनूप सिंह, सतीश मनी त्रिपाठी, तेज कुमार प्रसाद, शैलेश कुमार राम, मुंसिफ विश्वजीत कुमार, कुमारेश न्यायिक दंडाधिकारी अरविंद मिश्रा, गुरूदत्त शिरोमणि, प्रतीक रंजन चौरसिया, मो. शोएब, कोर्ट मैनेजर सरफराज आलम, सुशांत चक्रवर्ती, सारंगधर झा, मुकेश कुमार सिंह, विमलेश कुमार आदि उपस्थित थे.
, सौरभ कुमार अशोक झा आदि शामिल थे.
झंझारपुर उपकारा में नशा निषेध दिवस पर कार्यक्रम
अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस पर उपकारा झंझारपुर में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया. अध्यक्षता जेल सुपरीटेंडेंट देवाशीष कुमार सिन्हा कर रहे थे. प्रभारी उच्च कक्ष पाल गोपीनाथ तिवारी ने बंदियो को बताया कि किस प्रकार नशीली दवाओं के दुरुपयोग से लोगों की जिंदगियां खराब होती है.
नशीली दवा डॉक्टर की देखरेख में ली जाए तो वह जिंदगी बचाती है. जबकि अगर यही दवा मजे के लिए ज्यादा मात्रा में ली जाए तो जान ले लेती है. उन्होंने अवैध तस्करी के खिलाफ भी विभिन्न प्रकार की कानूनी जानकारियां दी. सभी बंदियों को नशीली दवा उपयोग न करने एवं किसी भी प्रकार की अवैध तस्करी न करने की शपथ दिलाई गई.