बिहार
सार्वजनिक तालाब, अन्य जलश्रोतों को अतिक्रमण से मुक्त कराने और जल-जीवन-हरियाली अभियान को तेज करने के सीएम नीतीश कुमार ने दिए निर्देश
Renuka Sahu
24 July 2022 4:26 AM GMT
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फाइल फोटो
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सार्वजनिक आहर, पइन, तालाब, पोखर, कुओं एवं चापाकलों को अधिक-से-अधिक चिह्नित कर उन्हें अतिक्रमण मुक्त कराने का निर्देश दिया है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सार्वजनिक आहर, पइन, तालाब, पोखर, कुओं एवं चापाकलों को अधिक-से-अधिक चिह्नित कर उन्हें अतिक्रमण मुक्त कराने का निर्देश दिया है। कहा कि इससे भू-जलस्तर मेंटेन रहता है और सुखाड़ की स्थिति में लोगों को काफी सहूलियत मिलती है। यह भी निर्देश दिया कि अतिक्रमण मुक्त कराए गए जल संचयन क्षेत्रों के किनारे बसे गरीब लोगों के पुनर्वास के लिए कार्रवाई करें। जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत होने वाले सभी कार्यों को तेजी से पूरा करें। सभी सार्वजनिक चापाकलों एवं कुओं के निकट सोख्ता के निर्माण कार्य में भी तेजी लाएं।
संवाद में बोले सीएम
मुख्यमंत्री ने सीएम सचिवालय स्थित 'संवाद' में जल-जीवन-हरियाली अभियान से संबंधित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की और कई निर्देश पदाधिकारियों को दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2019 में पर्यावरण संरक्षण को लेकर सभी दलों के विधान पार्षदों एवं विधायकों के साथ करीब आठ घंटे तक बैठक की गई थी, जिसमें सर्वसम्मति से जल-जीवन-हरियाली अभियान को चलाने का निर्णय लिया गया था। इसके लिए मानव शृंखला भी बनाई गई, जिसमें पांच करोड़ से भी अधिक लोगों ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित कराई थी।
पहाड़ियों की तलहटी में जल संचयन की संभावनाएं तलाशें
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर में जल संचयन के लिए बड़ा और सुंदर तालाब का निर्माण कराया गया है। यदि दो साल वर्षा नहीं होगी तो भी पानी की दिक्कत नहीं होगी। उन्होंने पदाधिकारियों से कहा कि पहाड़ियों की तलहटी क्षेत्र में जल संचयन की संभावनाओं को भी तलाशें। पहाड़ियों के निकट चेकडैम बनाने से बहुत अच्छा होगा। गंगा जलापूर्ति योजना का कार्य शीघ्र पूरा करें, ताकि, नवादा, राजगीर, गया और बोधगया में पानी पहुंचाने काम जल्द-से-जल्द शुरू किया जा सके। इससे लोगों को काफी सुविधा होगी। गया के विष्णुपद मंदिर के निकट फल्गु नदी में बन रहे रबड़ डैम का काम भी तेजी से पूर्ण कराएं।
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