बिहार

बिहार को ऐसे मिलेगी बाढ़ की तबाही से निजात, नदियों का पानी नहरों में भेजने की तैयारी, कम होगा तटबंधों पर दबाव

Renuka Sahu
5 July 2022 2:30 AM GMT
Bihar will get relief from the devastation of floods, preparations to send river water to canals, will reduce the pressure on embankments
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फाइल फोटो 

बिहार सरकार ने नदियों के उफान और उसके पानी के बहाव की तीव्रता को रोकने के लिए उसे डायवर्सन नहर में भेजने की योजना बनायी है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिहार सरकार ने नदियों के उफान और उसके पानी के बहाव की तीव्रता को रोकने के लिए उसे डायवर्सन नहर में भेजने की योजना बनायी है। इसके लिए व्यापक कार्ययोजना बनाकर काम होगा। यह न केवल बाढ़ के प्रसार को रोकेगा बल्कि तटबंधों पर पड़ रहे अनावश्यक दबाव को भी कम करेगा। यही नहीं, इससे सिंचाई के लिए भी किसानों को व्यापक सुविधा मिलेगी। उन्हें जरूरत का पानी अपने नहरों से मिल सकेगा।

इस योजना से जान-माल की हानि को भी कम किया जा सकेगा। जल संसाधन विभाग ने इसके लिए अपने सभी बाढ़ जोन को कार्ययोजना बनाने को कहा है। दरअसल, बिहार इस समय बाढ़ और सूखे दोनों से लड़ रहा है। जहां उत्तर बिहार में बाढ़ की समस्या लगातार विकराल होती जा रही है, वहीं दक्षिण बिहार का बड़ा हिस्सा सूखे की चपेट में है। दक्षिण बिहार की 23 नदियां अब भी सूखी पड़ी हैं, जबकि उत्तर बिहार की सारी प्रमुख नदियां खतरे के निशान को या तो पार कर चुकी है या फिर उसके बेहद करीब है। अन्य सारी नदियों का जलस्तर भी बढ़ रहा है।
योजना के ये हैं लाभ
बिहार का दोनों इलाका अलग-अलग प्राकृतिक आपदा झेल रहा है। ऐसे में जल संसाधन विभाग इनसे निपटने के लिए अपने स्तर से भी योजना बना रहा है। इसी के तहत फिलहाल उग्र होती नदियों के पानी को डायवर्सन नहर में भेजने की तैयारी है। इस समय उत्तर बिहार की नदियों में जबरदस्त उफान है। बड़ी नदियों को कौन कहे छोटी-छोटी नदियां भी प्रलय ढा रही हैं। ऐसे में विभाग की योजना है कि इनके पानी को ज्यादा से ज्यादा फैला दिया जाए।
इसके दो सीधा लाभ हैं। पहला तो नदियों के उफान पर ब्रेक लगेगा। दूसरा, खेती के लिए पानी की सहज उपलब्धता होगी। सूबे में इस समय दो बड़ी नहर प्रणालियां हैं, जो बाढ़ के प्रभाव को कम कर सकती हैं। इनमें कोसी नहर प्रणाली और गंडक नहर प्रणाली हैं। सोन में तो पानी ही नहीं है, लिहाजा इसके नहर में भी पानी की उपलब्धता कम ही है। इन नहर प्रणालियों से छोटे-छोटे नहर और निकले हैं। इसके अलावा अन्य नदियों से भी कई नहर जुड़े हैं। इन सबमें पानी भेजा जा रहा है।
उत्तर बिहार में कारगर होगी
बिहार में 68.80 लाख हेक्टेयर भूभाग बाढ़ प्रवण है। इसमें उत्तर बिहार में ही 44.46 लाख हेक्टेयर क्षेत्र आता है, जबकि दक्षिण बिहार में 24.34 लाख हेक्टेयर क्षेत्र है। नई योजना से इन इलाकों में बड़ी राहत मिल सकती है।
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