बिहार

Bihar: खाद्य पदार्थों की चीजों की होगी जांच, शुरू हुई माइक्रो बायोलॉजी लैब

Renuka Sahu
11 March 2025 3:03 AM GMT
Biharबिहार: अब राज्य में खाद्य एवं पेय पदार्थों में मिलावट की ऑन-स्पॉट जांच हो सकेगी। पटना में राज्य का पहला माइक्रोबायोलॉजी लैब स्थापित किया गया है, जहां आम लोग भी खाद्य पदार्थों की जांच करा सकेंगे।
फूड टेस्टिंग वैन से ऑन-स्पॉट जांच
राजधानी पटना, भागलपुर और पूर्णिया में फूड टेस्टिंग वैन पहले ही शुरू हो चुकी हैं, जो बाजार से सैंपल लेकर तुरंत जांच करती हैं। जल्द ही राज्य के हर जिले में यह सुविधा उपलब्ध करा दी जाएगी।
माइक्रोबायोलॉजी लैब - अत्याधुनिक जांच सुविधाएं
पटना के अगमकुआं स्थित फूड एंड ड्रग टेस्टिंग लैब को आधुनिक तकनीकों से अपग्रेड किया गया है। यह लैब 1980 से काम कर रही है, लेकिन अब इसमें माइक्रोबायोलॉजी और उन्नत तकनीक आधारित जांच की सुविधा भी जुड़ गई है।
लैब की विशेषताएं:
हाईटेक मशीनों से जांच - उन्नत उपकरणों की मदद से मिलावट और हानिकारक पदार्थों की पहचान
बैक्टीरिया और सूक्ष्म जीवों की जांच - दूध, मांस, मछली, पानी आदि में मौजूद बैक्टीरिया की सटीक पहचान
रासायनिक जांच - खाद्य पदार्थों में रासायनिक और विषैले तत्वों की जांच
एनएबीएल और एफएसएसएआई से मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला
यह लैब राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) और भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) से मान्यता प्राप्त है। अब यहां दूध, दही, मिठाई, मांस, मछली, पानी समेत किसी भी खाद्य पदार्थ की शुद्धता की जांच की जा सकेगी। राज्य सरकार और एफएसएसएआई के संयुक्त प्रयासों से 6 करोड़ रुपये की लागत से इस लैब को अपग्रेड किया गया। इसमें गैस क्रोमैटोग्राफी मास स्पेक्ट्रोमेट्री (GC-MS/MS), लिक्विड क्रोमैटोग्राफी मास स्पेक्ट्रोमेट्री (LC-MS/MS) और इंडक्टिवली कपल्ड प्लाज्मा मास स्पेक्ट्रोमेट्री (ICP-MS) जैसी अत्याधुनिक तकनीकें शामिल हैं, जो खाद्य पदार्थों में कीटनाशकों, एंटीबायोटिक्स, जहरीले रंगों और भारी धातुओं की पहचान करने में सक्षम हैं। अब आम नागरिक भी इस लैब में किसी भी खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता की जांच करवा सकते हैं और मिलावटी वस्तुओं की पहचान कर सकते हैं।
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