
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | 28 मई रविवार को पीएम मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं। जिस पर विपक्ष जमकर सियासत कर रहा है। कांग्रेस सहित विपक्ष के 21 दलों ने उद्धाटन समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है। विपक्ष का माना है कि देश की नई संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू को करना चाहिए। अब इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री नितिश कुमार का अलग बयान सामने आया हैं। उन्होंने कहा नया संसद भवन नहीं बनना चाहिए था। सीएम नितिश ने कहा सरकार पुराना इतिहास बदलना चाहती हैं।
मीडिया से बात करते हुए नीतीश कुमार ने कहा, ‘शुरू में भी बात हो रहा था कि ये (संसद भवन) बन रहा है, तो भी हमको अच्छा नहीं लग रहा था। ये तो इतिहास है, आजादी हुई तो जिस चीज की जहां पर शुरूआत हो गई, उसे वहीं पर विकसित कर देना चाहिए.अलग से बनाने का कोई मतलब नहीं है। क्या पुराना इतिहास ही बदल दीजिएगा? हमको अच्छा नहीं लग रहा है कि ये नया संसद भवन बना रहे हैं। पुराना इतिहास बदलना चाहते हैं बस नया संसद भवन नहीं बनाना चाहिए था। जो पुराना संसद भवन था उसी को सही करना चाहिए था। मैं तो इसके खिलाफ हूं। ये लोग सब इतिहास बदलना चाह रहे हैं। बेकार है वहां जाना। कोई मतलब नहीं है वहां का। क्या जरूरत है वहां जाने की और उस भवन को बनाने की।’
वहीं नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू रविवार को इस उद्घाटन समारोह का विरोध करेगी. बिहार जदयू अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा,’जदयू के पदाधिकारी पटना उच्च न्यायालय के पास बीआर अंबेडकर की प्रतिमा पर इकट्ठा होंगे और रविवार को एक दिन का उपवास रखेंगे, जो प्रथम नागरिक के अपमान के विरोध में होगा, जो शीर्ष पद असीन होने वाली पहली महिला भी हैं।