बिहार

कश्मीर में शहीद हुए बेगूसराय के लाल लेफ्टिनेंट ऋषि रंजन, 23 साल की उम्र में मिली शहादत

Renuka Sahu
31 Oct 2021 3:56 AM GMT
कश्मीर में शहीद हुए बेगूसराय के लाल लेफ्टिनेंट ऋषि रंजन, 23 साल की उम्र में मिली शहादत
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फाइल फोटो 

जम्मू-कश्मीर के आतंकवाद प्रभावित राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा के पास शनिवार को हुई लैंडमाइंस विस्फोट की घटना में सेना के अधिकारी और बिहार के बेगूसराय जिले के लाल ऋषि रंजन शहीद हो गए.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जम्मू-कश्मीर के आतंकवाद प्रभावित राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा (LOC) के पास शनिवार को हुई लैंडमाइंस विस्फोट (Land Mines Blast) की घटना में सेना के अधिकारी और बिहार के बेगूसराय (Begusari) जिले के लाल ऋषि रंजन शहीद हो गए. शहीद हुए लेफ्टिनेंट ऋषि रंजन सिंह घर के इकलौते चिराग थे. उनके शहीद (Martyr) होने की सूचना मिलते ही घर वालों में कोहराम मच गया. बेगूसराय शहर के पिपरा मीरगंज मोहल्ले के रहने वाले व्यवसायी राजीव रंजन सिंह के इकलौते पुत्र 23 वर्षीय लेफ्टिनेंट ऋषि रंजन सिंह रजौरी जिले के नौवेशरा के लाम सेक्टर में कलाल एरिया पर गश्त कर रहे थे.

नियमित गश्त के दौरान नियंत्रण रेखा के पास एक लैंडमाइंस विस्फोट हो गया. इस दौरान चार जवान भी गंभीर रूप से घायल हो गए. लैंडमाइंस की चपेट में आने के बाद ऋषि को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां लेफ्टिनेंट की इलाज के दौरान मौत हो गई. शहीद एक भाई और दो बहन थे. तीन भाई बहनों में ऋषि दूसरे नंबर पर थे और एक महीने पहले ही उनकी पोस्टिंग कश्मीर में हुई थी. शहीद लेफ्टिनेंट की बड़ी बहन भी सेना में मेजर के पद पर कार्यरत हैं. शहीद ऋषि अपने परिवार के इकलौते पुत्र थे. उनके पिता शहर में फर्नीचर का व्यवसाय करते हैं.
ऋषि का परिवार मूल रूप से लखीसराय जिले के पिपरिया का रहने वाला है. शनिवार की देर शाम सेना मुख्यालय से शहीद के परिजनों को उनकी शहादत की जानकारी दी गई. बेटे की शहादत की जानकारी मिलते ही घर में कोहराम मच गया और मां का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है. घटना की सूचना मिलते ही उनके रिश्तेदार और आसपास के काफी संख्या में लोग जमा हो गए. सभी शहीद के परिवार से मिलकर सांत्वना दे रहे हैं.
शहीद के मामा सुदर्शन सिंह ने बताया कि फोन के माध्यम से ऋषि के शहादत की जानकारी परिजनों को दी गई है. घर के इकलौते चिराग की शहादत से घरवालों पर पहाड़ टूट गया है हालांकि देश सेवा में उनकी शहादत पर गर्व भी है. जानकारी के मुताबिक ऋषि ने छठ के बाद 22 नवंबर को बेगूसराय आने की बात अपने परिजनों से कही थी.


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