बिहार

एनीमिया नियंत्रण कारगर नहीं, सौ में 44 प्रसूता में खून की कमी

Admin Delhi 1
18 Feb 2023 8:31 AM GMT
एनीमिया नियंत्रण कारगर नहीं, सौ में 44 प्रसूता में खून की कमी
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कटिहार न्यूज़: एनीमिया नियंत्रण को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से समुचित प्रयास नहीं किया जा रहा है. जिले में कितने बच्चे एनीमिया का शिकार हैं. इससे संबंधित जिला स्वास्थ्य समिति के पास किसी प्रकार का रिपोर्ट नहीं है.

केवल एनीमिक प्रसूताओं से संबंधित आंकड़ा स्वास्थ्य विभाग के पास है. इसके अनुसार प्रति 100 प्रसूताओं में 40 से 44 प्रसूता एनीमिया के शिकार हैं. वहीं विभागीय अधिकारियों का दावा है कि एनीमिक बच्चों की जांच समुचित तरीके से हो तो प्रति सौ बच्चा में करीब 40 से 50 प्रतिशत बच्चा एनीमिक मिल ही जायेगा.

कितने प्रकार का एनीमिया के रोगी होते हैं लोग चिकित्सक के अनुसार एनीमिया के रोगियों को इकोलॉजिकल और मोरफोलॉजिकल वर्ग में बांटा गया है. मोरफोलॉजिकल वाले एनीमिया वाले रोगियों का आरबीसी हीमोग्लोबिन का आकार पर निर्भर करता है. आरबीसी कम रहने पर श्वसन प्रकिया तेज हो जायेगा और रोगी सुस्त हो जाता है. वहीं इकोलॉजिकल वाले एनीमिया के रोगियों में आरबीसी की कमी डाइट डिफेसिएसंसी से होता है. भोजन में आयरण की कमी होने से इस प्रकार का एनीमिया होता है.

इसके अलावा चोट लगने, बाबासीर रोग, पेट का अल्सर, हुकवर्म होने से एनीमिया का रोग के शिकार लोग हो जाता है. इससे ज्यादा रक्तस्राव, हृदय का धड़कन तेज होना, सांस लेने में परेशानी होना, एकाग्रचित नहीं हो पाना, चक्कर आना,जीभ में सूजन होना और इंफेक्शन का शिकार होने का खतरा रोगियों में बढ़ जाती है. एनीमिया के रोगी लगातार बीमार रहते हैं. रोगी का नाखुन चम्मच की तरह हो जाता है. आंख का निचला हिस्सा सफेद हो जाना, हाथों का पीलापन हो जाना प्रमुख लक्षण हो जाता है.

एनीमिया नियंत्रण के लिए 23 वें स्थान पर कटिहार

आईसीडीएस, एएनएम, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, आंगनबाड़ी सेविका, शिक्षा विभाग के पदाधिाकरियों व कर्मियों का सहयोग नहीं मिलने के कारण एनीमिया नियंत्रण में कटिहार का स्थान 23वां है. इसके ऊपर अरवल, जहानाबाद, खगड़िया, समस्तीपुर, औरंगाबाद, नवादा, मुंगेर, बेगुसराय, गोपालगंज, किशनगंज, कैमुर, शेखपुरा, अररिया, गया, रोहतास, सीतामढ़ी, नालंदा, मधेपुरा, सुपौल और पूर्णिया का स्थान है.

जिले में एनीमिया नियंत्रण कार्यक्रम की स्थिति को पटरी पर लाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया गया है. शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से इस कार्यक्रम को सफल बनाने का हर संभव प्रयास किया जायेगा. -डॉ. डीएन झा, नोडल पदाधिकारी, कटिहार.

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