बिहार

सभी पार्टियों का मिला साथ; एम्स, एयरपोर्ट, पावर ग्रिड बनवाने की मांग

SANTOSI TANDI
31 July 2023 7:07 AM GMT
सभी पार्टियों का मिला साथ; एम्स, एयरपोर्ट, पावर ग्रिड बनवाने की मांग
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पावर ग्रिड बनवाने की मांग
रिहाई के बाद से पूर्व सांसद आनंद मोहन पूरी तरह से एक्टिव हैं। आज वो सहरसा की सड़क पर हैं, सहरसा बंद बुलाया है। सहरसा में एम्स, एयरपोर्ट, पारवर ग्रिड बनवाने की मांग को लेकर बंद बुलाया गया है।
बड़ी बात ये है कि इस आंदोलन को सभी पार्टियों का साथ मिला है। सड़क पर आनंद मोहन के साथ आरजेडी, जेडीयू, बीजेपी, लेफ्ट पार्टियों के कार्यकर्ता अपनी पार्टी झंडे के साथ नजर आ रहे हैं।
इस दौरान आनंद मोहन ने कहा कि ये दलगत राजनीति से ऊपर का आंदोलन है। ये बंद नहीं है, बल्कि अगली जीत का जश्न है।‎‎‎
सहरसा बंद को लेकर सुरक्षा ‎के पुख्ता इंतजाम प्रशासनिक स्तर पर ‎किए गए हैं। रेलवे ने भी रेल चक्का ‎जाम करने की सुगबुगाहट को देखते‎ हुए अपनी सतर्कता बढ़ा दी है।
पहले सहरसा बंद की तस्वीरें देखिए...
यह‎ पहला मौका होगा जब सहरसा की‎ उपेक्षा पर लोग एकजुट होकर‎ बंद में शामिल हो रहे हैं। ‎विकास के नाम पर सहरसा की निरंतर‎ उपेक्षा को लेकर बीते महीने पहली बार ‎एम्स निर्माण संघर्ष समिति की बैठक‎ में पहुंचे पूर्व सांसद आनंद मोहन ने‎ इस सवाल को लेकर 31 जुलाई को‎ सहरसा बंद की घोषणा की थी।‎
सुबह खुलने वाली बसें भी स्टैंड पर ही रुकी रहीं।
सुबह खुलने वाली बसें भी स्टैंड पर ही रुकी रहीं।
बंद को मिला हर संगठन का साथ
बंद को सफल बनाने के लिए आनंद मोहन ने कई राजनीतिक दलों के‎ जनप्रतिनिधियों, कार्यकर्ताओं के साथ‎ कई दर्जन बैठकें और जगह-जगह‎ सभाएं की। यह कारवां बढ़ता गया ‎और अब सहरसा में एम्स स्थापना ‎समेत अन्य मुद्दे आम लोगों की जुबां ‎पर आ गए हैं।
यही कारण है कि बंद‎ के समर्थन में आगे आए संगठनों ने ‎राजनीतिक बैरियर की परवाह किए ‎बगैर सहरसा के विकास के सवाल पर ‎अपनी एकजुटता का पहली बार ‎परिचय दिया है। शायद ही कोई ‎संगठन होगा जिन्होंने बंद को सफल ‎बनाने के लिए अपना समर्थन नहीं ‎दिया हो।‎
सहरसा बंद के बाद बाजार में पसरा सन्नाटा।
सहरसा बंद के बाद बाजार में पसरा सन्नाटा।
2017 से ही सहरसा में ‎उठ रहा एम्स का मुद्दा‎
सहरसा में एम्स की स्थापना को‎ लेकर साल 2017 से आंदोलन चल‎ रहा है। सहरसा में दूसरे एम्स निर्माण‎ की मांग को लेकर पटना हाईकोर्ट में ‎लोकहित याचिका भी दायर है। 20 ‎मार्च 2023 को इस मामले में सुनवाई हुई थी। इसमें बताया गया था कि डीएम ने साल 2017 में ही ‎एम्स निर्माण के लिए 217.74 एकड़ ‎जमीन सतरकटैया अंचल के ‎गोबरगढ़ा में उपलब्ध होने की ‎जानकारी राज्य सरकार को दी थी।
आनंद मोहन की कर्मभूमि और जन्मभूमि है सहरसा
सहरसा आनंद मोहन की कर्मभूमि और जन्मभूमि है। पंचगछिया में उनका जन्म हुआ था। राजनीति में आनंद मोहन की एंट्री 1990 में हुई। तब पहली बार सहरसा से वो MLA बने थे। डीएम हत्या मामले में सजा होने के बाद अधिकतर वक्त उन्होंने सहरसा जेल में ही काटा था।
आनंद मोहन से जुड़ी दूसरी खबर पढ़िए...
आनंद मोहन ने मुहर्रम पर भांजी लाठी:मेले में पहुंचे थे पूर्व सांसद..दिखाया करतब, सहरसा बंद के लिए लोगों से मांगा समर्थन
पूर्व सांसद आनंद मोहन ने रविवार को मुहर्रम के मौके पर जमकर लाठियां भांजी। सहरसा के नवहट्टा प्रखंड के मझौल गांव में मुहर्रम के मौके पर मेले का आयोजन किया गया था। मेला कमेटी के निमंत्रण पर आनंद मोहन वहां पहुंचे थे, जहां पहले से लठबाजी का करतब दिखाया जा रहा था। इसके बाद पूर्व सांसद खुद लाठी लेकर मैदान में उतर गए और जमकर लाठी भांजी। इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने आनंद मोहन के इस हुनर का खूब लुत्फ उठाया।
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