असम

घुसपैठ पर लगाम कस रही असम सरकार, लेकिन बंगाल नहीं कर रहा सहयोग : अमित शाह

Deepa Sahu
10 May 2022 2:42 PM GMT
घुसपैठ पर लगाम कस रही असम सरकार, लेकिन बंगाल नहीं कर रहा सहयोग : अमित शाह
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केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को घुसपैठ की समस्या से सख्ती से निपटने के लिए जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली असम सरकार की प्रशंसा की,

गुवाहाटी, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को घुसपैठ की समस्या से सख्ती से निपटने के लिए जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली असम सरकार की प्रशंसा की, वहीं आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल सरकार इस समस्या से निपटने में केन्द्र का सहयोग नहीं कर रही है।

इस बीच पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार ने गृह मंत्री के दावे को एक ''सफेद झूठ'' बताया और कहा कि घुसपैठ रोकने का काम सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का है जो केन्द्र सरकार के अंतर्गत आता है।
असम में हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की पहली वर्षगांठ के मौके पर एक रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी घुसपैठ की समस्या को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हालांकि, उन्होंने दावा किया कि इस मसले पर ''बंगाल की सरकार केन्द्र के साथ सहयोग नहीं कर रही है''।
उन्होंने कहा, ''दूसरी ओर, असम सरकार केन्द्र के साथ पूरी तरह से खड़ी है और समस्या से मजबूती से लड़ रही है। इसके परिणामस्वरूप घुसपैठ में उल्लेखनीय कमी आई है।'' टीएमसी ने शाह के आरोपों को निराधार बताया और कहा कि लोगों की अवैध आवाजाही और तस्करी को रोकना सीमा सुरक्षा बल का कर्तव्य है। उसने कहा, ''केन्द्रीय गृह मंत्री द्वारा सफेद झूठ बोला जा रहा है। पश्चिम बंगाल सरकार ने घुसपैठ से निपटने के लिए केन्द्र सरकार और केन्द्रीय एजेंसियों को पूरा सहयोग दिया है।''
टीएमसी के प्रवक्ता सुखेंदु शेखर रे ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, '' बीएसएफ द्वारा कर्तव्य की उपेक्षा के कारण सीमा पार से घुसपैठ और तस्करी हो रही है।'' उन्होंने दावा किया कि हाल के दिनों में, बीएसएफ के कुछ अधिकारियों को ''तस्करी में शामिल होने'' के लिए गिरफ्तार किया गया है।
गृह मंत्री ने सोमवार को असम के मनकाचर स्थित भारत-बांग्लादेश सीमा के दौरे का उल्लेख किया और कहा, ''सारे आंकड़े बताते हैं कि असम में घुसपैठ की घटनाओं में बहुत ज्यादा कमी आई है। कुछ समय के बाद ये घुसपैठ पूरी तरह से बंद हो जाएगी।''
असम के रास्ते बांग्लादेश में पहले बड़े पैमाने पर होने वाली पशु तस्करी का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि असम सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि पशु तस्करों के लिए राज्य के सभी दरवाजे बंद कर दिए जाये।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पशु तस्करों के खिलाफ राज्य सरकार की कार्रवाई जारी रहेगी और पिछले एक साल के दौरान अब तक 992 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और लगभग दस हजार मवेशियों को बचाया गया है। शाह ने यह भी दावा किया कि पूरे राज्य में 10,700 से अधिक 'बीघा' भूमि को अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराया गया।
उन्होंने कहा कि राज्य में भाजपा की सरकार बनने के पहले असम आतंकवाद, आंदोलन, बम धमाके और गोलीबारी से ग्रस्त राज्य था लेकिन भाजपा सरकार के छह वर्षों के शासन में पूर्वोत्तर के इस राज्य में आतंकवाद, आंदोलन और हिंसा की जगह शांति, विकास, बेहतर स्वास्थ्य और शिक्षा का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
शाह ने इससे पहले दिन में उम्मीद जताई कि जल्द ही पूरे असम से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (आफस्पा) को हटा लिया जाएगा, क्योंकि बेहतर कानून-व्यवस्था और उग्रवादी संगठनों के साथ शांति समझौते के कारण पहले ही राज्य से इसे आंशिक रूप से हटा दिया गया है।गृह मंत्री ने कहा कि जो लोग आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौट आए हैं, उनके पुनर्वास के लिए केंद्र और राज्य की सरकारें काम कर रही हैं।
शाह ने यहां अलंकरण परेड समारोह में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत की उपस्थिति में राज्य पुलिस को 'प्रेसीडेंट्स कलर' से सम्मानित किया। ध्वज पर असम के नक्शे, यहां के जिलों का प्रतिनिधित्व करने वाले 36 सितारे, एक सींग वाले गैंडे और असम पुलिस की आदर्श पंक्ति तथा प्रतीक चिन्ह अंकित है। असम देश का 10वां राज्य है, जिसे 'प्रेसीडेंट्स कलर' से सम्मानित किया गया है। शांति और युद्ध के दौरान राष्ट्र की अनुकरणीय सेवा के लिए किसी भी सैन्य या पुलिस इकाई को दिया जाने वाला यह सर्वोच्च सम्मान है।


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