अरुणाचल प्रदेश

WHO ने की बड़ी चूक: विश्व कोरोना मैप में जम्मू-कश्मीर को बताया पाक-चीन का हिस्सा, मचा बवाल

Deepa Sahu
31 Jan 2022 5:11 PM GMT
WHO ने की बड़ी चूक: विश्व कोरोना मैप में जम्मू-कश्मीर को बताया पाक-चीन का हिस्सा, मचा बवाल
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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने जम्मू-कश्मीर को विश्व के नक्शे में पाकिस्तान (Pakistan) और चीन (China) का हिस्सा बताया है।

नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने जम्मू-कश्मीर को विश्व केविश्व के नक्शे में पाकिस्तान (Pakistan) और चीन (China) का हिस्सा बताया है। ऐसा डब्ल्यूएचओ ने अपने कोरोना पैम में दिखाया है। जिसके बाद हंगामा मच गया है। 31 जनवरी से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र (‍Budget Session 2022) के दौरान इस मुद्दे पर हंगामा होने के आसार हैं। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (AITC) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को इस बारे में जानकारी दी है। साथ ही गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय को भी इस बारे में पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया है।

टीएमसी के राज्यसभा सांसद डॉ शांतनु सेन (Dr Santanu Sen) ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी है। इसमें उन्होंने कहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना (Coronavirus Pandemic) से संबंधित जो साइट (WHOCovid19।int) है उसमें जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) को पाकिस्तान (Pakistan) और चीन (China) का हिस्सा बताया है। जो एक गंभीर मामला है।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के बड़े भू-भाग को पाकिस्तान में, जबकि छोटा भू-भाग को चीन में बताया गया है। इतना ही नहीं, साथ ही उन्होंने कहा है कि भारत के नक्शे में भी अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के कुछ हिस्से को भी अलग दिखाया गया है। इस मामले में डॉ। सेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने की मांग की है।
पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में डॉ शांतनु सेन ने लिखा है कि कोरोना का डाटा देखने के लिए उन्होंने डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट (whocovid19.int) खोली तो भारत के नक्शे को देखने पर वह दंग रह गए। उन्होंने देखा कि नीले रंग के मैप में जम्मू-कश्मीर को अलग-अलग रंगों में दर्शाया गया है। उन्होंने उस नीले नक्शे पर क्लिक किया, तो देखा कि उसमें हमारे देश के कोरोनावायरस संक्रमण के आंकड़े हैं। डॉ शांतनु सेन ने इसे गंभीर मामला बताते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्था की ओर से ऐसी गलती पर सरकार को संज्ञान लेने को कहा। साथ ही डब्ल्यूएचओ से ये भी पूछने को कहा कि उसने इतनी गंभीर चूक कैसे की।


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