
शिमला। नेशनल हाईवे पर कोई हादसा होता है, तो अब 1033 डायल कर मदद मांगी जा सकती है। हादसे की स्थिति में 30 मिनट तक एंबुलेंस घटनास्थल पर पहुंचेगी। एनएचएआई ने समूचे प्रदेश में ऐसा प्रावधान कर दिया है। 1033 डायल करने पर एंबुलेंस आपातकालीन नंबर 108 से मिलने वाली मदद से भी पहले पहुंच जाएगी। एंबुलेंस हर समय टोल बैरियर के पास ही खड़ी रहेगी। एक एंबुलेंस 60 किलोमीटर का क्षेत्र कवर करेगी और नेशनल हाईवे पर किसी भी जगह हादसे होने की स्थिति में दुर्घटना स्थल पर 30 मिनट के अंतराल में पहुंच में जाएगी। हिमाचल में फोरेलेन निर्माण का काम फिलहाल जारी है और अभी तक कीतरपुर-मनाली नेशनल हाईवे पर टकोली और डोहलूनाला में दो टोल प्लाजा स्थापित हैं। कालका-शिमला नेशनल हाईवे पर सनवारा में टोल प्लाजा है। इसके अलावा प्रदेश में शिमला-मटौर, पठानकोट-मंडी, पिंजौर-नालागढ़ और कालाअंब-पावंटा साहिब का निर्माण चल रहा है।
यहां फोरलेन बनने के बाद टोल प्लाजा स्थापित होंगे और इन टोल प्लाजा में 1033 की मदद से आपातकाल में एंबुलेंस की सुविधा ली जा सकती है। गौरतलब है कि सडक़, परिवहन और राष्ट्रीय उच्च मार्ग मंत्रालय ने टोल प्लाजा के लिए 60 किलोमीटर का दायरा तय किया है। 60 किलोमीटर के बाद एक टोल प्लाजा होगा। इस क्रम में टोल प्लाजा पर एंबुलेंस, डिस्पेंसरी और शौचालय की सुविधा देनी होगी। एनएचएआई ने इन सुविधाओं को लेकर प्रयास तेज कर दिए हैं। एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी अब्दुल बासित ने बताया कि हादसे के समय एनएचएआई तत्काल मदद का प्रबंध करेगी। इसके लिए 1033 को आपात नंबर बनाया गया है। यह नंबर पूरे भारत में एक्टिव है। इसका प्रभाव हिमाचल को जोडऩे वाले नेशनल हाईवे पर दिखेगा। नेशनल हाईवे पर हादसा होता है, तो 1033 पर संपर्क कर मदद मांगी जा सकती है। यह एंबुलेंस टोल प्लाजा से जुड़ी रहेंगी और एक प्लाजा से दूसरे के बीच सेवाएं देंगी। हादसा होने की स्थिति में पांच से 30 मिनट के अंतराल में एंबुलेंस घटनास्थल तक पहुंच जाएगी। उन्होंने बताया कि टोल प्लाजा में विश्राम, उपचार और शौचालय की सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। उन्होंने बताया कि भविष्य में फोरलेन में वाहन चलाने के प्रति चालकों को जागरूक किया जाएगा। इसके लिए एनएचएआई सडक़ सुरक्षा अभियान चलाएगी।
