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लाइफ स्टाइल
Yogasana: ब्रीदिंग प्रॉब्लम से राहत पाने के लिए करे ये योगासन
Sanjna Verma
6 Aug 2024 1:20 PM GMT
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Yogasana योगासन: रोगी का अगर सही समय पर अस्थमा का इलाज नहीं किया जाता तो यह अटैक का रूप ले सकता है, जो कि कई बार व्यक्ति के लिए जानलेवा भी हो सकता है। ऐसे में विश्व अस्थमा दिवस 2024 के खास मौके पर आपको बताते हैं ऐसे 2 योगासन, जिन्हें Routine में शामिल करके अस्थमा रोगी खुद को फिट रख सकते हैं।
अस्थमा के लक्षण-
-खांसी की समस्या
-फेफड़ों में दर्द होना
-ठंडा पानी पीने पर गले में खराश होना
-बार-बार सर्दी-जुकाम होना
-दौड़ते समय सांस फूलना
अस्थमा रोगियों के लिए बेस्ट प्राणायाम-
गौमुखासन-
गौमुखासन करने से अस्थमा रोगियों को राहत मिलती है। इस आसन का नियमित अभ्यास Muscles में खिंचाव लाकर फेफड़े हेल्दी बनाए रखता है। गोमुखासन एक योग मुद्रा है जो गाय के चेहरे जैसा दिखता है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले योग मैट पर सुखासन की मुद्रा में बैठकर अपने बांए पैर को अपने शरीर की तरफ खींचने का प्रयास करें। इसके बाद अपने दाएं पैर को बांए पैर की जांघों के ऊपर रखकर उसे भी खींचकर अपने शरीर के पास ले आएं। अब अपने दाएं हाथ को कंधे के ऊपर करें और कोहनी के पास से मोड़कर अपनी पीठ के पीछे जितना अधिक हो सके ले जाएं। उसके बाद बाएं हाथ को भी कोहनी के पास से मोड़ते हुए पेट की बगल से पीछे की ओर पीठ पर ले जाएं। अब दोनों हाथों को खींचकर आपस में मिलाने की कोशिश करें और पीठ के पीछे हाथों को एक दूसरे से पकड़ लें। अब इस मुद्रा में कुछ देर तक बने रहें और 10-12 बार सांस लें।
भस्त्रिका-
भस्त्रिका प्राणायाम करने से शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह अच्छी तरह होने लगता है। जिससे अस्थमा और डायबिटीज रोग में राहत मिलती है। भस्त्रिका प्राणायाम का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले पद्मासन में बैठकर धीरे-धीरे सांस खींचते हुए अपनी सांस को बलपूर्वक छोड़ दें। इस Pranayama को करते समय अपनी छाती को फुलाते और पिचकाते रहें। शुरुआत में आप इस मुद्रा को धीमी गति से करें और इस प्रक्रिया को 4 से 5 बार दोहराएं।
Sanjna Verma
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