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रोजमर्रा में काम आने वाली इन चीजों का महिलाओं ने किया आविष्कार

Rounak Dey
4 Jun 2023 5:30 PM GMT
रोजमर्रा में काम आने वाली इन चीजों का महिलाओं ने किया आविष्कार
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जानें इनके बारे में

Women Inventors: आविष्कार ने लोगों का जीवन आसान बना दिया। आज लोग एक जगह से दूसरी जगह जा सकते हैं, संपर्क कर सकते हैं या पूरी दुनिया की जानकारी एकत्र कर सकते हैं। थॉमस एडिसन ने बल्ब का आविष्कार किया है तो ग्राहम बेल ने टेलीफोन का आविष्कार किया। बिजली से लेकर फ्रिज-फैन, कार-बाइक से लेकर एरोप्लेन तक ने हमें बहुत सुविधाएं दीं।

इन मशीनों और जरूरी काम की चीजों के आविष्कार के लिए केवल पुरुष आविष्कारकों का योगदान नहीं, बल्कि महिलाओं ने भी भूमिका निभाई है। रेडियम के आविष्कार के लिए मैडम क्यूरी को याद किया जाता है। हालांकि कई अन्य महिला आविष्कारक हैं, जिन्होंने रोजमर्रा की चीजों का आविष्कार करके रोजाना के जीवन को सुविधाजनक बना दिया। आइए जानते हैं ऐसे ही अविष्कार और उन्हें बनाने वाली महिला आविष्कारकों के बारे में।

इंटरनेट के दौर में हर कोई वाई-फाई का उपयोग करता है। इस तकनीक का आविष्कार हेडी लमर ने किया था। वह एक ऑस्ट्रियन अमेरिकन एक्ट्रेस थीं। नेवी के लिए रेडियो कंट्रोल टॉर्पीडो को सही निशाने पर भेजने के लिए हेडी लमर ने एक सीक्रेट कम्यूनिकेशन सिस्टम का आविष्कार किया था।

पेपर बैग का इस्तेमाल बहुत तेजी से बढ़ गया है। लेकिन इसे बनाने का श्रेय मार्गरेट नाइट को जाता है। अमेरिका में एक काॅटन मिल में काम करने वाली मार्गरेट नाइट ने एक मशीन का आविष्कार किया था, जो लिफाफे बनाने का काम आती थी। हालांकि चार्ल्स आनन नाम के शख्स ने उनके डिजाइन को चुरा कर अपने नाम पर पेटेंट करवा लिया। मार्गरेट ने अपने अधिकार के लिए कानून का दरवाजा खटखटाया और 1871 में जीत हासिल की।

कार के फ्रंट कांच की सफाई के लिए विंडशील्ड वाइपर का उपयोग होता है। बारिश या बर्फ के बीच कार आसानी से ड्राइव की जा सके, इसके लिए विंडशील्ड वाइपर की जरूरत को महसूस करते हुए मैरी एंडरसन ने इसका आविष्कार किया। हालांकि 1920 के बाद हर कार मॉडल में ये आने लगा और कार कंपनियों ने विंडशील्ड वाइपर का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया।

शिशुओं को गीलेपन से बचाने के लिए मैरियन डोनोवन ने 1951 में डिस्पोजेबल डायपर का आविष्कार किया। सबसे पहले इसे शावर कर्टन से बनाया गया। मैरियन ने अपना पेटेंट एक मिलियन डॉलर में केको काॅर्पोरेशन को बेच दिया। बाद में पूरी तरह से डिस्पोजेबल मॉडल तैयार हुआ और 1961 में पैंपर्स का इस्तेमाल होना शुरू हुआ। आज दुनियाभर में बच्चे इसका उपयोग करते हैं।

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