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जब पेट हो भारी, तो अदरक से कर लें यारी

Kiran
27 Jun 2023 12:33 PM GMT
जब पेट हो भारी, तो अदरक से कर लें यारी
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संस्कृत में अदरक को विश्वौधि कहा जाता है. चिकित्सा के आयुर्वेदिक तरीक़े को अपनाने वालों का मानना है कि भोजन के पूर्व नियमित रूप से अदरक का रस सेवन करने से जीभ और गले का कैंसर नहीं होता. आख़िर अदरक में इतना ख़ास क्या है? कैसे किया जाना चाहिए सही फ़ायदा पाने के लिए इसका सेवन? आइए, जानने की कोशिश करते हैं.
अदरक की ख़ासियत
अदरक भारतीय घरों में इस्तेमाल होनेवाला एक आम मसाला है. प्राचीन काल से ही इस मसाले का सर्दी-खांसी के उपचार समेत भूख बढ़ानेवाली औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है. जोड़ों को मज़बूत बनाए रखने में भी अदरक की बड़ी भूमिका होती है, ख़ासकर यह गठिया के रोगियों के लिए तो वरदान से कम नहीं है.
अदरक में मौजूद पोषक तत्वों की बात करें तो इसमें 80.9% पानी, 2.3% प्रोटीन, 0.9% वसा, 12.3% कार्बोहाइड्रेट होता है. इसके अलावा 100 ग्राम अदरक में 2.6 मिलीग्राम आयरन होता है. अदरक में ठीक-ठाक मात्रा में विटामिन ए और बी भी होते हैं. प्राचीन चीन के नाविक समुद्री यात्रा के दौरान स्कार्वी से बचने के लिए अदरक का सेवन किया करते थे.
इस्तेमाल और पाचन संबंधी लाभ
वैसे तो हमारे देश में चाय में अदरक डालने की परंपरा रही है. अदरक वाली चाय थकान दूर करके फुर्ती से भर देने के लिए जानी जाती है. पर अदरक के सेवन का सही समय है भोजन के आधा घंटे पहले. अगर आप इस औषधि का सही और पूरा फ़ायदा पाना चाहते हैं तो खाना खाने से आधा घंटा पहले तीन-चार चम्मच अदरक के रस में थोड़ा-सा सेंधा नमक मिलाकर खाएं. इससे आपकी भूख खुलेगी. भोजन का ठीक तरह से होगा पाचन होगा और पेट में गैस नहीं बनेगी. नियमित रूप से अदरक के सेवन से कब्ज़ नहीं होती. आंतों में अगर कीड़े हो गए हैं तो अदरक उन्हें नष्ट करके मलद्वार द्वारा बाहर निकाल देता है. अदरक पेट की हर तरह की गड़बड़ी को शांत करता है.
दूसरी बीमारियों में अदरक के फ़ायदे
अदरक गठिया निवारक, स्फूर्तिदायक, गले और आंखों के लिए उपयोगी तथा पौष्टिक होता है. आंखों में जलन हो रही हो, या नज़र कमज़ोर हो तो अदरक आंखों के लिए उत्तम टॉनिक का काम करता है. भोजन के पूर्व अदरक का रस लेने अथवा उसके कुछ टुकड़े खाने से कफ़ नष्ट होती है और सदी-जुकाम से राहत मिलती है. अदरक का रस सूजन, मूत्र-विकार, पीलिया, बवासीर, दमा, खांसी, जलोदर (ड्रॉप्सी) तथा अन्य कई बीमारियों में बहुत ही लाभदायक है.
आयुर्वेद के अनेक विशेषज्ञों का मानना है कि अदरक का नियमित रूप से सेवन करने से जीभ एवं गले का कैंसर नहीं होता. सिरदर्द की अवस्था में अदरक के रस की कुछ बूंदें नाक में डालने से दर्द से राहत मिलती है. यदि दांत में दर्द हो, तो दर्दवाले दांत पर अदरक का टुकड़ा रगड़ने से आराम मिलता है. नजला और साइनस रोग में भी अदरक के इस्तेमाल से राहत मिलती है. इस तरह हम कह सकते हैं कि हमारे घर में मौजूद यह आम मसाला बहुत ही ख़ास काम करता है.
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