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याद नहीं आ रहा, वह चीज़ कहां रखी, अरे वह तो भूल ही गया! क्या आपके साथ भी अक्सर ऐसा हो रहा है? अगर आप भी आजकल छोटी-छोटी चीजें रख-रखा कर भूल रहे हैं तो आपको सावधान होने की जरूरत है। इसे भूलने की बीमारी यानी मेमोरी लॉस की प्रारंभिक अवस्था कहा जा सकता है। वैसे तो बढ़ती उम्र में भूलने की बीमारी होना आम बात है लेकिन आजकल कम उम्र के लोग भी इसका शिकार हो रहे हैं और इसलिए इसे गंभीरता से लेना चाहिए। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि जीवनशैली में बदलाव, खान-पान में गड़बड़ी और कुछ चिकित्सीय स्थितियों के कारण कम उम्र में ही याददाश्त कमजोर होने के कारण हावी होने लगते हैं। आइए आज जानते हैं कि अगर आप भी चीजें रखकर भूल रहे हैं तो इसके पीछे क्या कारण हो सकते हैं।
नींद की कमी एक कारण है
इसका पहला कारण यह हो सकता है कि आप पर्याप्त नींद नहीं ले पा रहे हैं। जी हां, नींद की कमी के कारण अक्सर लोग भूलने लगते हैं। देखा जाए तो अच्छी और भरपूर नींद आपके मस्तिष्क की कोशिकाओं को अच्छे से बांधने में मदद करती है। यदि कोशिकाएं एक-दूसरे से अच्छी तरह से जुड़ी हुई हैं, तो यह आपके मस्तिष्क को चीजों को अच्छी तरह से याद रखने और उन्हें प्रबंधित करने में मदद करती है। नींद की कमी के कारण दिमाग भटकता है और आप चीजों को याद नहीं रख पाते हैं।
धूम्रपान भी भूलने की बीमारी का कारण बनता है
अगर आप धूम्रपान करते हैं तो हो सकता है कि आप जल्द ही इस समस्या की चपेट में आ जाएं। दरअसल, लगातार धूम्रपान करने से दिमाग का वह हिस्सा सिकुड़ जाता है जो यादों को संजोने का काम करता है। इससे सोचने-समझने के साथ-साथ याद रखने की शक्ति भी कम हो जाती है। अगर अधिक धूम्रपान किया जाए तो डिमेंशिया का खतरा भी बढ़ जाता है।
ज्यादा दवा खाने से भी परेशानी होती है
अगर आप किसी खास बीमारी से परेशान हैं और लगातार दवाइयों का सेवन कर रहे हैं तो आप भूलने की समस्या से परेशान हो सकते हैं। दरअसल, कई दवाओं में मस्तिष्क की गतिविधि को प्रभावित करने वाले तत्व मौजूद होते हैं। कई बार इन दवाइयों में नींद की खुराक भी होती है और ऐसे में आपका दिमाग ठीक से काम नहीं कर पाता है। इस वजह से चीजें रखकर भूलने की समस्या होती है।
शुगर के मरीज अधिक शिकार होते हैं
मधुमेह के रोगियों में भूलने की बीमारी का शिकार अधिक देखा गया है। दरअसल, जब शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा अधिक हो जाती है तो इसका असर मस्तिष्क की छोटी रक्त वाहिकाओं पर पड़ता है और इसके कारण मस्तिष्क की कोशिकाएं यादों को संरक्षित नहीं कर पाती हैं और लोग चीजों को रखकर भूल जाते हैं।
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