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मंकीपॉक्स वायरस आखिर क्या है? जानें लक्षण और बचाव

HARRY
7 May 2023 5:04 PM GMT
मंकीपॉक्स वायरस आखिर क्या है? जानें लक्षण और बचाव
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मंकीपॉक्स का इलाज, मंकीपॉक्स टीका।

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Monkeypox Virus के बढ़ते केस और वैश्विक खतरे को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने 23 जुलाई को मंकीपॉक्स को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (Global Health Emergency) घोषित कर दिया है। विश्व में 75 से अधिक देशों में मंकीपॉक्स के केस देखे गए हैं। अब तक 1600 से अधिक कुल केस पाए गए हैं। भारत में अब तक इसके इसके 4 केस पाए गए हैं। मंकीपॉक्स वायरस का पहला केस दिल्ली में भी आ चुका है। इस बीमारी से वैक्सीन लेने के बाद भी तत्काल सुरक्षा नहीं मिलती है।

Monkeypox Virus| मंकीपॉक्स वायरस क्या है?

Table of Contents

Monkeypox Virus| मंकीपॉक्स वायरस क्या है?

Monkeypox Virus| मंकीपॉक्स वायरस के लक्षण क्या हैं?

Monkeypox Virus| मंकीपॉक्स वायरस का प्रसार कैसे होता है?

Monkeypox Virus| मंकीपॉक्स वायरस से बचाव क्या है?

बच्चे को मंकीपॉक्स वायरस से कैसे बचाएं?

मंकीपॉक्स वायरस से भारत में मौत के आंकड़े (Monkeypox Death Case in India)

FAQ

मंकीपॉक्स वायरस क्या है?

मंकीपॉक्स पहली बार कब देखा गया?

मंकीपॉक्स किन देशों में अधिक पाया जाता है?

क्या मंकीपॉक्स वैक्सीन उपलब्ध है?

मंकीपॉक्स कितने दिनों में ठीक होता है?

अन्य पढ़ें:

मंकीपॉक्स मानव चेचक के समान एक वायरल संक्रमण है जिसमे संक्रमित मरीज के गले में दर्द, खराश, आंख में दर्द या धुंधला दिखना, खांसी, मांशपेशियों में दर्द, सिर दर्द आदि समस्या आती है। यह बीमारी पहली बार 1958 में शोध के बंदरों में देखा गया था। इस बीमारी का मानव में पहला केस 1970 में दर्ज किया गया था। यह बीमारी मुख्यतः मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षावन क्षेत्रों में होता है। लेकिन वर्तमान में इस बीमारी का केस विश्व के 75 देशों में देखे गए हैं जो चिंता की बात है।

Monkeypox Virus| मंकीपॉक्स वायरस के लक्षण क्या हैं?

Monkeypox Virus

मंकीपॉक्स लक्षण

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार मंकीपॉक्स सामान्यतः बुखार, दानें और गांठ के साथ होता है। और इसमें कई प्रकार की स्वास्थ्य जटिलताएं पैदा हो सकती हैं। इस बीमारी में संक्रमित मरीज के गले में दर्द, खराश, आंख में दर्द या धुंधला दिखना, खांसी, मांशपेशियों में दर्द, सिर दर्द आदि समस्या आती है। यह समस्या आमतौर पर तीन से चार सप्ताह तक दिखता है और धीरे धीरे समाप्त होता है। इस बीमारी के कुछ मामले गंभीर भी हो सकते हैं जो जानलेवा साबित होता है। लेकिन इसमें मृत्यु दर मात्र तीन से छह प्रतिशत होता है जो 10 प्रतिशत तक जा सकता है।

Monkeypox Virus| मंकीपॉक्स वायरस का प्रसार कैसे होता है?

मंकीपॉक्स वायरस चूहों, चुहियों, गिलहरियों आदि जंतुओं से इंसानों में फैलता है। मंकीपॉक्स संक्रमित व्यक्ति या जानवर के निकट संपर्क में आने के कारण अन्य इंसान में फैलता है। यह रोग घावों, शरीर के तरल पदार्थ, श्वसन बूंदों, और दूषित सामग्री के संपर्क से फैलता है। स्वास्थ्य वैज्ञानिकों का कहना है कि संक्रमण के कई मामले यौन सम्पर्क से भी संचरित होते हैं। समलैंगिक या उभयलिंगी लोगों के संबंध में भी जांच की जा रही है। यह बीमारी चेचक की तुलना में कम संक्रामक होता है। यह बीमारी 3 से 4 सप्ताह में खुद ठीक हो जाता है।

Monkeypox Virus| मंकीपॉक्स वायरस से बचाव क्या है?

अपने शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत बनाए रखें।

इंफेक्टेड मरीज के डायरेक्ट कॉन्टेक्ट में आने से बचें। बीमार व्यक्ति के बिस्तर, चादर आदि के संपर्क से बचें।

यह बीमारी संक्रामक है जो एक व्यक्ति से दूसरे में ड्रॉपलेट्स, और ह्यूमन सिक्रेशन, संपर्क, सुरक्षित शारीरिक संबंध से होता है। इसलिए हमे दो गज की दूरी बना कर रखना चाहिए। मास्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना चाहिए।

उन जानवरों के संपर्क में आने से बचें जो वायरस के वाहक हो सकते हैं। जैसे वे जानवर जो बीमार हैं या उन क्षेत्रों में बीमार या मृत पाए गए हैं जहां मंकीपॉक्स के केस पाए गए हैं।

किसी बीमार इंसान या जानवर के संपर्क में आने से बचना। जैसे उनके द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री या बिस्तर, आदि के संपर्क से बचें।

संक्रमित जानवर या इंसान के संपर्क में आने पर हाथ को साबुन से साफ करें या सैनिटाइज करें।

स्वास्थ्यकर्मी मरीजों के इलाज के समय पीपीई किट का इस्तेमाल करें।

व्यक्तिगत साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें।

लक्षण आने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।

सरकारी स्तर पर भी मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार और इंतजाम की जानी चाहिए।

मंकीपॉक्स वायरस के हॉट स्पॉट की पहचान की जानी चाहिए और उसी स्तर पर बचाव के उपाय करने चाहिए।

बच्चे को मंकीपॉक्स वायरस से कैसे बचाएं?

अपने बच्चे की इम्यूनिटी को बना कर रखें। इसके लिए बच्चों को हेल्दी खान पान दें और उनकी साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें।

बच्चों को कुपोषण से बचा कर रखें।

बच्चे को वायरल निमोनिया से बचा कर रखें।

बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी किसी प्रकार की समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

मंकीपॉक्स वायरस से भारत में मौत के आंकड़े (Monkeypox Death Case in India)

अब भारत में मंकीपॉक्स वायरस से मौत का पहला केस केरल से आ गई है। इसकी पुष्टि वहां की स्वास्थ्य मंत्री ने की है। जिस व्यक्ति की इस वायरस से मौत हुई है वह विदेशी यात्रा के दौरान पॉजिटिव होकर भारत आया था। भारत की यह पहली घटना और अफ्रीका से बहर विश्व की इस बीमारी से मौत की यह चौथी घटना है।

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