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कोल्ड कॉम्प्रेस या कोल्ड थेरेपी को क्रायोथेरेपी (cryotherapy) के रूप में भी जाना जाता है। यह उपचार चोट प्रभावित क्षेत्र में रक्त प्रवाह को कम करके सूजन और दर्द से राहत दिला सकता है। इसके साथ यह घाव के ऊतकों को सुन्न कर, संवेदनाहारी के रूप में कार्य करता है और मस्तिष्क को प्रेषित होने वाले दर्द संदेशों को धीमा कर देता है। अतः यह थेरेपी अस्थायी रूप से तंत्रिका गतिविधि को कम कर दर्द से राहत दिला सकती है।चोट लगने के 48 घंटे के भीतर कोल्ड कॉम्प्रेस या कोल्ड थेरेपी को अपनाया जाना चाहिए। कभी भी बर्फ को सीधे तौर पर त्वचा पर नहीं लगाना चाहिए।
घरेलू उपचार के तहत कोल्ड थेरेपी या क्रायोथेरेपी अपनाने के लिए ठंडे पानी से भरी पानी की बोतल, फ्रीजर में ठंडा किया गया पैड, तौलिये में लपेटकर रखा गया बर्फ या ठंडे पानी का इस्तेमाल किया जा सकता है। आपको कभी भी जमी हुई वस्तु को सीधे त्वचा पर नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि इससे त्वचा और ऊतकों को नुकसान पहुँच सकता है।
कोल्ड थेरेपी का उपयोग करने के कुछ तरीकों में शामिल हैं:
एक कोल्ड कॉम्प्रेस या कूलिंग पैड को सूजन वाले क्षेत्र पर 10 से 15 मिनट के लिए, हर 4 से 6 घंटे बाद लगाना चाहिए, इस उपचार को आप दर्द दूर करने के लिए लगातार 3 दिनों के लिए अपना सकते हैं।
बर्फ को तौलिये में लपेटकर दर्द प्रभावित क्षेत्र पर रखें। दिन में दो से पांच बार,आइस पैक का इस्तेमाल करते समय अधिकतम 5 मिनट के लिए, दर्द प्रभावित क्षेत्र की गोलाकार गति में मालिश करें। एक प्लास्टिक बैग को जमी हुई बर्फ से भरकर, सूखे कपड़े में लपेटकर कोल्ड कंप्रेस बनाया जा सकता है।
आइस बाथ या कोल्ड बाथ के लिए 10 से 15 डिग्री सेल्सियस ठंडे पानी में 5 से 15 मिनट तक स्नान कर सकते हैं।
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Apurva Srivastav
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