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लोगों को वर्कआउट करने के लिए प्रेरित करने मददगार यूएस स्टडी
आजकल के लाइफस्टाइल में पूरे दिन का शेड्यूल इतना बिजी रहता है कि लोगों को सेहत की तरफ ध्यान देने का वक्त ही नहीं मिलता. एक दो दिन सैर पर या फिर हफ्ते में एक दो बार जिम (Gym) जाना ही काफी नहीं है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आजकल के लाइफस्टाइल में पूरे दिन का शेड्यूल इतना बिजी रहता है कि लोगों को सेहत की तरफ ध्यान देने का वक्त ही नहीं मिलता. एक दो दिन सैर पर या फिर हफ्ते में एक दो बार जिम (Gym) जाना ही काफी नहीं है. रेगुलर एक्सरसाइज (Regular Exercise) से ही शरीर को फायदा होता है. लेकिन क्या करें, रूटीन ही नहीं बन पाता है. लेकिन लोगों को जिम जाने के लिए भी रिवॉर्ड मिले तो शायद वो वर्कआउट (Workout) करने के लिए ज्यादा प्रेरित होंगे.
अगर यह रिवॉर्ड (Reward) पैसे से जुड़ा हो तो यह और भी फायदेमंद होगा. ये उन लोगों पर भी असरकारी होगा जिन्होंने वर्कआउट रेजिम (Workout Regime) यानी वर्कआउट का दौर बीच में ही छोड़ दिया हो. ये दावा अमेरिका की 115 अलग-अलग यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले 30 सीनियर साइंटिस्टों द्वारा की गई एक मेगास्टडी (Mega study) में किया गया है. इस स्टडी के निष्कर्षों को मेडिकल जर्नल नेचर में प्रकाशित किया गया है. दरअसल विशेषज्ञों के सामने लंबे समय से ये चुनौती रही है कि लोगों को वर्कआउट के लिए प्रेरित कैसे करें. महामारी के बाद तो ये समस्या ज्यादा बढ़ गई.
कैसे हुई स्टडी
लोगों को ज्यादा से ज्यादा वर्कआउट के लिए प्रेरित करने हेतु 61 हजार 293 अमेरिकियों के साथ बड़े पैमाने पर स्टडी की गई. इसमें प्रतिभागियों को टैक्स मैसेज, ईमेल के जरिए अलर्ट, जिम के यूज के लिए मुफ्त ऑडियोबुक, (जिससे कि वर्कआउट को और एंटरटेनिंग बनाया जा सके) पैकेज के अलावा एक्स्ट्रा डेज की जिम विजिट जैसे प्रलोभन दिए गए. इसके लिए एक 'स्टेप अप' प्रोग्राम बनाया गया. जिसके तहत 61 हजार प्रतिभागियों को साइंटिस्टों ने 53 ग्रुप्स में बांटा था.
क्या कहते हैं जानकार
यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वेनिया (University of Pennsylvania) के व्हार्टन स्कूल (Wharton School) में ह्यूमन बिहेवेरियल साइंस (human behavioral science) की स्पेशलिस्ट कैथरीन एल मिल्कमैन (Katherine L. Milkman)के अनुसार, 'अभी तक हुई स्टडीज से ये पता नहीं चल सका था कि कौन से उपाय कारगर होंगे, छुटे हुए वर्कआउट के दौर (Workout Regime) में वापस लौटने के लिए प्रतिभागियों को 22 सेंट (16 रु.) रिवॉर्ड प्वाइंट दिए गए तो जिम विजिट में 0.4% की बढ़ोतरी देखी गई और वर्कआउट में 27% की बढ़ोतरी हुई. साइंटिस्टों के विभिन्न प्रोग्राम्स के जरिए वीकली जिम विजिट में 9 से 27 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.'
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क्या कहते है स्टडी के नतीजे
व्हार्टन स्कूल (Wharton School) की प्रोफेसरएंजेला डकवर्थ का कहना है, 'इस स्टडी के निष्कर्ष हमें इनसाइट देते हैं कि हम आने वाले समय में कैसे अपने वर्कआउट रिजोल्यूशन को मजबूत रख सकते हैं. इसके अलावा नए साल में वाजिब वर्कआउट प्रोग्राम बनाएं. फोन में ट्रेनर या जिम बडी (Gym Buddy) के साथ रिमाइंडर सेट करें. प्लान के मुताबिक वर्कआउट करने पर खुद को छोट-छोटे रिवॉर्ड दें. ताकि जब भी हम रूटीन तोड़ें तो हमें अहसास हो. साथ ही हम उसकी भरपाई में जुट जाएं.'
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