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दुनिया की अनोखी जगहें जहां मरने पर लगा हुआ हैं बैन, मौत से पहले ही छोड़नी पड़ती हैं जगह

SANTOSI TANDI
8 Sep 2023 8:31 AM GMT
दुनिया की अनोखी जगहें जहां मरने पर लगा हुआ हैं बैन, मौत से पहले ही छोड़नी पड़ती हैं जगह
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मौत से पहले ही छोड़नी पड़ती हैं जगह
जीवन का सबसे बड़ा और अटल सत्य है मौत। जिस किसी ने भी इस पृथ्वी पर जन्म लिया है उसे एक दिन मरना ही पड़ता है। मौत का कोई भरोसा नहीं हैं कि यह कब और कहां आ जाए। मौत का समय और जगह कोई निश्चित नहीं कर सकता हैं। ऐसे में जरा सोचिए कि कोई आपसे कहें कि आप इस जगह नहीं मर सकते हैं, तो यह बात आपको कितनी बेतुकी लगेगी। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया में कई ऐसी जगहें हैं जहां मरने पर बैन लगा हुआ हैं। जी हां, सुनने में आपको ये जरूर झूठ लग रहा होगा, पर ये सच है। दरअसल इन जगहों पर रहने वाले लोग जब लोग मरने वाले होते हैं तो उन्हें उस जगह से हटाकर किसी दूसरी जगह भेज दिया जाता है। आइये जानते है इन जगहों के बारे में...
लोंगयेरब्येन, नार्वे
अगर आप सोच रहे हैं अगर इस शहर में मरना मना है, तो यकीनन यहां कब्रिस्तान भी नहीं होगा। लेकिन ऐसा नहीं है यहां कब्रिस्तान तो है, पर 70 सालों से इस शहर में किसी को भी दफनाया नहीं गया है। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि ये इलाका बहुत ही ज्यादा बर्फीला है, जिसकी वजह से यहां शव ना ही सड़ते हैं और ना ही नष्ट होते हैं। इसकी वजह से इन शवों में “पेरमाफ्रॉस्ट” नाम का वायरस पैदा हो जाता है, और यहां जिंदा रहने वाले लोगों में गंभीर बीमारी होने का खतरा पैदा होने लगता है। जब भी कोई व्यक्ति इस शहर में बीमार होता है या मरने वाला होता है, तो उसे किसी दूसरे शहर में ले जाते हैं, जिससे वो अपने जीवन के आखिरी वक्त को अच्छे से बिता सके।
फाल्सीआनो डेल मैसिको, इटली
उस समय के महापौर, गिउलिओ सिसारे फवा ने मार्च 2012 में एक कानून बनाया था, उनका कहना था कि ‘फॅल्सीआनो डेल मासिको’ की नगरपालिका में रहने वाले हर नागरिक को और जो इस नगरपालिका की सीमा से गुजरते हैं, उनका मरना गैर कानूनी है। यहाँ पर यह आदेश इसलिए जारी करना पड़ा है क्योंकि इस नगरपालिका का कब्रिस्तान पूरी तरह से भर चुका है और अब किसी को भी दफनाने की जगह नही बची है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि इस नगरपालिका के क्षेत्र में सबसे ज्यादा सेवानिवृत्त लोग रहते है। इसलिए ‘फॅल्सीआनो डेल मासिको’ के लोगों को निकटतम शहर ‘मोंडारागोने’ में दफन किया जाता है लेकिन बहुत भारी राशि का भुगतान करने के बाद। डेल मासिको के मेयर ने लोगों से अपील की है कि जब तक नया कब्रिस्तान नगरपालिका के लिए नहीं बनाया जाता है तब तक पास के शहर में जाकर मरें।
इत्सुकुशिमा, जापान
जापान में ये एक पवित्र जगह है, इसलिए सरकार इस जगह की पवित्रता को बनाए रखने के लिए हर तरह का प्रयास करती है। इस पवित्र जगह के पुजारियों ने 1878 से मृत्यु और जन्म पर बैन लगाया हुआ है। इस स्थान पर गर्भवती महिला, बुजुर्ग और बीमार व्यक्तियों का जाना भी एकदम मना है।
सार्पोरेंक्स, फ्रांस
फ़्रांस के दक्षिण पश्चिम में स्थित यह एक गाँव है। 13 फरवरी 2008 को तत्कालीन महापौर ‘गेरार्ड लालने’ ने एक नगरपालिका आदेश जारी किया जिसमें यह आदेश था कि लोग इस नगरपालिका क्षेत्र में आने वाले कब्रिस्तान में मरेंगे नही अर्थात मरने से पहले उन्हें किसी और जगह में जाना होगा। उसने यह आदेश इसलिए जारी किया था क्योंकि इस गाँव के कब्रिस्तान में बहुत भीड़ हो गयी थी। इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के लिए सख्त सजा का भी प्रावधान था। यहाँ पर एक कोर्ट ने भी लोगों को अपनी निजी जमीन को भी कब्रिस्तान के रूप में इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी।
सेलिया, इटली
दक्षिण इटली में मौजूद शहर में रहने वाले ज्यादातर लोगों की उम्र 65 साल से भी ज्यादा है, यहां कुल जनसंख्या केवल 537 ही है। इस शहर की जनसंख्या को कम करने से बचाने के लिए शहर के मेयर ने फैसला सुनाया कि इस शहर में किसी को भी बीमार होने या मरने की आजादी नहीं है। दरअसल इस आदेश का मकसद लोगों में स्वास्थ के प्रति जागरूकता फैलाना है। बता दें, जो निवासी इसकी जांच नहीं कराता है, उसे जुर्माना भरना पड़ता है।
लैंजारोन, स्पेन
स्पेन के लैंजारोट में स्थानीय कब्रिस्तान अक्सर भरे रहते हैं। इस परेशानी को देखते हुए साल 1999 में ग्रेनाडा प्रांत के गांव के मेयर ने लोगों की मौत पर ही प्रतिबंध लगा दिया था। यह कदम एक राजनीतिक कदम के रूप में लिया गया था, लेकिन यह बिलकुल सच था। इस प्रांत के 4000 की आबादी को तब तक जीने की सलाह दी गई थी, जब तक नगरपालिका को नया कब्रिस्तान नहीं मिल जाता।
कुग्नॉक्स, फ्रांस
फ्रांस के कुग्नॉक्स का हाल भी कुछ ऐसा ही है, जहां के मेयर को साल 2007 में नए कब्रिस्तान की अनुमति नहीं मिली थी। ऐसे में उसने लोगों की मृत्यु पर ही बैन लगा दिया था। हालांकि, बाद में उन्होंने अपने लोकल कब्रिस्तान को चौड़ा कर दिया था, जिसके बाद इस बैन को हटा दिया गया।
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