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आयुर्वेद के इन उपायों से करें मोतियाबिंद का इलाज, नहीं पड़ेगी ऑपरेशन की जरूरत

Kajal Dubey
28 Jun 2023 4:20 PM GMT
आयुर्वेद के इन उपायों से करें मोतियाबिंद का इलाज, नहीं पड़ेगी ऑपरेशन की जरूरत
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जैसे-जैसे मौसम में परिवर्तन आ रहा हैं ठंडक महसूस होने लगी हैं। ठंडक का यह मौसम अपने साथ कई शारीरिक परेशानियां भी लेकर आता हैं। खासतौर से ठंडक के मौसम में चिलब्लेन्स (chilblains) की परेशानी होती हैं। यह सर्दियों के दिनों में होने वाली एक आम समस्या हैं जिसमें उंगलियों में सूजन होने लग जाती हैं और ऐसा लगता हैं जैसे उंगलियों में कोई द्रव्य भरा हुआ हो। इस समस्या में उंगलियों में खुजली और झंझनाहट होने लगती हैं। आज हम आपके लिए इससे बचाव के उपाय और उपचार लेकर आए हैं ताकि ठंड के दिनों में आपको इसका सामना ना करना पड़े।
चिलब्लेन्स (chilblains) से बचने के उपाय
- सर्दियों में अपने हाथ-पैर को अच्छी तरह ढक कर रखें।
- बाहर निकलते समय जूते-मोजे और पर्याप्त गर्म कपड़े पहनकर ही निकलें।
- बाइक चलाते समय कान, हाथ, पैर को ढक कर रखें और दस्ताने जरूर पहनें।
- सर्दियों में ऊनी या सूती कपड़े ही पहनें।
- बहुत देर तक ठंडे पानी में काम न करें। पानी या तो गर्म करें या बीच-बीच में आग, हीटर आदि में अपने हाथ सेंकते रहें।
चिलब्लेन्स (chilblains) के घरेलू उपचार
- आटे का पेस्ट बनाकर लगाएं और फिर हल्के गुनगुने पानी से धो दें। इससे भी दर्द और लाली में आराम मिलेगा।
- सूजन को दूर करने के लिए गर्म पानी में थोड़ा सा सेंधा नमक मिले लें और इस पानी में हाथ और पैर डालकर बैठें।
- जैतून और नारियल तेल को हल्का गर्म कर लें और इससे पैर और हाथों की मसाज करें। ऐसा दिन में दो से तीन बार कर सकते हैअक्सर देखा जाता हैं कि एक उम्र के बाद व्यक्ति की आँखों में धुंधलापन छाने लगता हैं और उसे साफ़ दिखाई नहीं देता हैं। इसी से जुड़ी एक बिमारी हैं मोतियाबिंद (cataracts) जो कि बहुत देखी जाती हैं। इस समस्या में आँखों की पुतली के सामने एक हलकी परत जमने लगती हैं जो कि समय के साथ बढ़ती ही चली जाती हैं। अंत में इसका इलाज ऑपरेशन से ही नजर आता हैं। लेकिन आयुर्वेद में ऐसे कई नुस्खें बताए गए हैं जिनकी मदद से बिना ऑपरेशन के इस समस्या का हल निकाला जा सकता हैं। तो आइये जानते हैं आयुर्वेद के उन उपायों के बारे में जो मोतियाबिंद (cataracts) की समस्या को आसानी से दूर करते हैं।
- रोग का पता लगते ही निर्मली को शहद में घिसकर आँखों में लगाने से समस्या दूर हो जाती है।
- सौंफ का हरा पेड़ लाकर कांच के बर्तन या चीनी मिट्टी के बर्तन में रख लीजिये, जब यह सूख जाए तब पीसकर छान लें। इसको सुरमे की तरह आँखों में लगाने से मोतियाबिंद(cataracts) दूर हो जाता है। यह प्रयोग एक से तीन महीने तक लगातार करें।
- नौशादर को महीन पीसकर सुरमे की तरह नेत्रों में लगाने से मोतियाबिंद (cataracts) ठीक हो जाता है।
- सफ़ेद प्याज के रस में बराबर शहद मिला कर आँखों में सुबह शाम लगाने से कुछ दिनों में मोतियाबिंद (cataracts) सही होने लगता है
- जिस स्त्री को हाल ही में लड़का हुआ हो उस स्त्री के दूध में भीमसेनी कपूर को पीसकर आँखों में लगाने से मोतियाबंद ठीक हो जाता है।
- बच, हींग, सौंठ तथा सौंफ इन सब को बराबर मात्रा में लेकर महीन पीस लें और शहद में मिला लें। इसमें से तीन या चार ग्राम नित्य खाने से मोतियाबिंद (cataracts) बढ़ने नहीं पाता तथा धीरे धीरे ठीक हो जाता है। इस माजून को मोतियाबिंद (cataracts) शुरू होते ही खाना शुरू कर देना चाहिए। जितना जल्दी शुरू करेंगे उतना ही जल्दी ये असर करेगा। जब तक सही ना हो तब तक खाते रहें।
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