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दिल को सेहतमंद रखना है तो शरीर में कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोकना होगा, जानिए

Bhumika Sahu
29 Sep 2021 4:41 AM GMT
दिल को सेहतमंद रखना है तो शरीर में कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोकना होगा, जानिए
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कोलेस्ट्रॉल का सीधा संबन्ध हार्ट संबन्धी बीमारियों से होता है. यदि वाकई आपको अपने दिल को सेहतमंद रखना है तो शरीर में कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोकना होगा. जानिए क्या होता है कोलेस्ट्रॉल, कितनी तरह का होता है, इसके बढ़े होने के संकेत और बचाव की पूरी जानकारी.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दुनियाभर में हर साल करीब 18.6 मिलियन लोगों की मौत हार्ट डिजीज की वजह से होती है. खराब लाइफस्टाइल और तेजी से बढ़ रहे स्ट्रेस की वजह से ये समस्या अब युवाओं में भी तेजी से बढ़ रही है. इससे लोगों को बचाने और दिल की सेहत के प्रति जागरुक बनाने के लिए हर साल 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे (World Heart Day) मनाया जाता है.

कोलेस्ट्रॉल को हार्ट संबन्धी परेशानियों की बहुत बड़ी वजह माना जाता है. फिक्र करने वाली बात ये है कि कोलेस्ट्रॉल के स्पष्ट कोई लक्षण भी नहीं होते हैं. इसके बढ़ने के बाद जब सेहत संबन्धी समस्याएं होने लगती हैं, तब जाकर कोलेस्ट्रॉल बढ़े होने का पता चलता है. इसलिए यहां हम आपको कुछ ऐसे संकेतों के बारे में बता रहे हैं, जो कोलेस्ट्रॉल बढ़े होने की ओर इशारा करते हैं. ऐसे में फौरन विशेषज्ञ की सलाह से कोलेस्ट्रॉल का टेस्ट करवाएं, ताकि समय रहते इसको कम किया जा सके और हार्ट संबन्धी समस्याओं के जोखिम को टाला जा सके.
पहले जानिए क्या होता है कोलेस्ट्रॉल
कोलेस्‍ट्रॉल एक तरीके का फैट है, जिसका निर्माण लिवर करता है. हम जितना ज्यादा चिकनाईयुक्त और अनहेल्दी फूड खाते हैं, उतना तेजी से लिवर कोलेस्ट्रॉल का निर्माण कर देता है. जब इसकी मात्रा जरूरत से ज्यादा हो जाती है तो ये फैट शरीर की नसों के अंदर जमा होने लगता है. इस कारण नसें संकरी हो जाती हैं. ऐसे में शरीर में रक्त प्रवाह ठीक से नहीं हो पाता और आपके हार्ट को इसके लिए बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है. ऐसे में कई बार हार्ट अटैक और अन्य समस्याओं का रिस्क बढ़ता है. हार्ट से जुड़ी तमाम समस्याओं से बचने के लिए कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करना बहुत जरूरी है.
दो तरह का होता है कोलेस्ट्रॉल
हमारे शरीर में दो तरह के कोलेस्ट्रॉल पाए जाते हैं एचडीएल (HDL cholesterol) और एलडीएल (LDL cholesterol). एचडीएल को शरीर के लिए को गुड कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है क्योंकि ये ब्लड से एक्सट्रा फैट को हटाता है, धमनियों को साफ करता है और दिल को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करता है. जबकि एलडीएल की वजह से हार्ट को पंप करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है. ये दिल को सही तरीके से काम नहीं करने देता. इसलिए इसे बै कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है. शरीर को सेहतमंद रखने के लिए हमें एचडीएल को बढ़ाना चाहिए.
इन 5 संकेतों से समझें बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ चुका है
1- छाती में दर्द या सांस फूलना
जब बैड कोलेस्ट्रॉल शरीर में जमा हो जाता है तो चलने फिरने में जल्दी थकान आने लगती है. सांस फूलने लगती है और कई बार इसके कारण सीने में दर्द महसूस होता है. इसे नजरअंदाज न करें.
2- हाई बीपी
यदि आपका बीपी बढ़ने लगे तो इसे सामान्य न समझें. फौरन कोलेस्ट्रॉल चेक करवाएं क्योंकि एलडीएल बढ़ने की वजह से भी हाई बीपी की समस्या होने लगती है.
3- पैरों में सूजन
अगर बिना किसी कारण के आपके पैरों में सूजन आ रही है, पैरों में दर्द रहता है या ऐंठन महसूस होती है, तो भी आपको कोलेस्ट्रॉल चेक करवा लेना चाहिए क्योंकि पैरों के दर्द, सूजन व ऐंठन का बैड कोलेस्ट्रॉल से सीधा संबन्ध है.
4- शरीर में भारीपन
शरीर में भारीपन महसूस होना या अचानक वजन बढ़ जाना भी एलडीएल बढ़ने का इशारा देता है. इसलिए ऐसे में वजन पर नियं​त्रण रखें और कोलेस्ट्रॉल चेक करवाएं.
5- हाथ-पैरों का सुन्‍न पड़ना
हाथ-पैरों का सुन्‍न पड़ना, पैरों का हमेशा ठंडा रहना भी बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को दर्शाता है. इसके अलावा आंखों की पलकों के पास पीले रंग की गांठें भी बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल का इशारा हैं. ऐसा कुछ होने पर कोलेस्ट्रॉल​ नियंत्रित करने के लिए जरूरी जांच करवाएं.
कैसे करें बचाव
– वजन को नियंत्रित रखने के लिए नियमित एक्सरसाइज करें.
– चीनी का सेवन सीमित कर दें.
– बाहरी चिकनाईयुक्त खानपान और प्रोसेस्ड फूड खाने से बचें
– सिगरेट और शराब का सेवन न करें.
– पौष्टिक आहार के रूप में दलिया, ओट्स, हरी सब्जियां, अंकुरित अनाज, दही, सलाद, फल आदि खाएं.


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