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विपरीता करणी एक बहुत ही फायदेमंद आसन हैं जिसमें "विपरीत" का मतलब है "उलटा" है और "करणी" का मतलब है "करना"। इस आसन को करते वक्त दोनों पैर ऊपर की ओर होते हैं। इसे लेग्स अप द वॉल पोज़ (Legs Up the Wall pose) भी कहा जाता है। सेहत के अलावा ये आसन स्किन और बालों के लिए भी बेहद फायदेमंद है।
विपरीतकरणी आसन करने का तरीका
मैट पर पीठ के बल लेट जाएं।
सांस भरते हुए दोनों पैरों को ऊपर उठाएं। अपर बॉडी को मैट पर ही रखना है।
पैरों को 90 डिग्री तक ऊपर उठाना है।
कंफर्टेबल पोजीशन के लिए अपने हिप्स के नीचे तकिए या कंबल को मोड़ के रख लें।
इस पोजीशन में कम से कम 5 मिनट के लिए रुके फिर आरामदायक अवस्था में आ जाएं।
विपरीतकरणी आसन के फायदे
विपरीत करणी आसन कब्ज़ की शिकायत दूर करता है और पाचनतंत्र को हेल्दी रखता हैं।
यह आसन मूत्र संबंधी विकार, हाई और लो ब्लड प्रेशर के साथ गठिया में भी फायदेमंद है।
इस आसन को करने से इम्युनिटी भी सुधरती है।
इस आसन में सिर नीचे और पैर ऊपर की तरफ होता है जिससे सिर में ताजा रक्त जाता हैं जो हल्के अवसाद और अनिद्रा की समस्या से छुटकारा दिलाता है। इसके साथ ही माइग्रेन और सिरदर्द में भी राहत मिलती है।
इस आसन के अभ्यास से पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द और ऐंठन में भी काफी आराम मिलता है।
विपरीत करणी हल्के पीठ दर्द से भी राहत दिलाता है।
विपरीतकरणी करते वक्त बरतें ये सावधानियां
इस आसन को पीरियड्स के दौरान ना करें।
अगर आपको मोतियाबिंद की समस्या है तो इस आसन को करना अवॉयड करें।
पीठ दर्द की समस्या में भी इस आसन को न करें।
कूल्हे या घुटने की चोट में भी इसे नहीं करना चाहिए।
प्रेग्नेंसी के दौरान भी इस आसन को करने से बचें।
ग्लूकोमा, हाई ब्लड प्रेशर या हर्निया के रोगियों को इस आसन को नहीं करना चाहिए।