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शहतूत स्वाद में जितना स्वादिष्ट होता है उतना ही हमारे शरीर के लिए फायदेमंद भी है। आयुर्वेद में शहतूत के ढेरों फायदों का बखान है। शहतूत में पोटैशियम, विटामिन ए और फॉस्फोरस प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। त्वचा संबंधी रोगों में यह काफी लाभ पहुंचाता है। वहीं रक्त संचार को सुचारू करने में भी अहम भूमिका निभाता है। खास बात यह है कि शहतूत के साथ उसकी पत्तियों का भी कई तरह के रोगों में प्रयोग होता है। शहतूत के पत्तों को घाव या फोड़े पर लगाना भी फायदेमंद होता है। इसके प्रयोग से घाव बहुत जल्दी भर जाते हैं। अगर आपको खुजली की दिक्कत है तो इसके पत्तों का लेप फायदेमंद रहेगा। शहतूत की पत्तियों को पानी में उबालकर उस पानी से गरारे करने से गले की खराश दूर हो जाती है। ऐसे में आज हम आपको शहतूत के सेवन से होने वाले फायदों के बारे में बताने जा रहे है।
वैज्ञानिक नाम: मोरस अल्बा - Morus alba
औसत लंबाई : 10-20 मीटर
फायदे
- सफेद शहतूत में कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इससे हड्डियां मजबूत होती हैं।
- शहतूत में पॉलीफेनोल्स (Polyphenols ) और फ्लेवोनॉयड (Flavonoids) पाए जाते हैं। कैंसर के जोखिमों को कम करने में मददगार है।
- शहतूत में अधिक मात्रा में डाइटरी फाइबर (Dietary fiber) और लिनोलेइक एसिड (Linoleic Acid) मौजूद होता है। यह कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol ) के स्तर को नियंत्रित करता है।
- शहतूत में हाइपरग्लाइसेमिक प्रभाव पाया जाता है जो शरीर में इंसुलिन की सक्रियता को बढ़ाता है और खून में शुगर की अधिक मात्रा को कम करने में सहायक है।
- इसमें साइटोप्रोटेक्टिव (कोशिकाओं को नुकसान से बचाने वाला) और न्यूरोप्रोटेक्टिव (तंत्रिका तंत्र से संबंधी समस्याओं को दूर करने वाला) प्रभाव पाया जाता है। मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।
- शहतूत में विटामिन-ए (Vitamin - E) भरपूर मात्रा में पाया जाता है। यह आंखों की रोशनी बढ़ाने के साथ-साथ उन पर आने वाले तनाव को दूर करता है।
- इसमें जिंक और मैगनीज अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। इनमें जिंक मुख्य तौर पर शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने में मदद करता है।
- शहतूत में सायनायडिंग 3-ग्लूकोसाइड नाम का फाइटोन्यूट्रिएंट पाया जाता है। यह खून को साफ करता है। साथ ही रक्त संचार में भी सुधार करता है।
- शहतूत में एंटी-हीमोलिटिक (हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने वाला) (anti-hemolytic) प्रभाव पाया जाता है जो एनीमिया के जोखिम को काफी हद तक कम करने में सक्षम है।
- शहतूत खाने से लीवर से जुड़ी बीमारियों में राहत मिलती है। साथ ही यह किडनी के लिए भी बहुत फायदेमंद है।
- गर्मियों में शहतूत के सेवन से लू लगने का खतरा कम हो जाता है।
- यूरिन से जुड़ी कई समस्याओं में भी शहतूत बेहद फायदेमंद होता है।
आपको बता दे, रेशम के कीड़ों को खिलाने के लिये सफेद शहतूत की खेती की जाती है। यह भारत के अन्दर खासकर उत्तर भारत में उत्तर प्रदेश बिहार झारखण्ड मध्य-प्रदेश हरियाणा पंजाब हिमाचल-प्रदेश इत्यादि राज्यों में अत्यधिक इसकी खेती की जाती है।
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