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अगर कोई व्यक्ति लंबे समय तक अपने खानपान और दिनचर्या के मामले में लापरवाही बरते,
आपने भी इस बात पर गौर किया होगा कि हार्ट से जुड़ी बीमारियां अब उम्र देखकर अटैक नहीं कर रही। जिम में वर्कआउट करते हुए, दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलते हुए या किसी विवाह समारोह में डांस करते हुए गिरकर बेहोश हो जाता है और हॉस्पिटल ले जाते वक्त रास्ते में ही उसकी मौत हो जाती है। डॉक्टर्स ऐसी आसामयिक मृत्यु के लिए हार्ट अटैक को जिम्मेदार मानते हैं। वाकई यह स्थित बहुत चिंताजनक है।
क्यों होता है ऐसा?
अकसर लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि आखिर लोगों में दिल से संबंधित समस्याएं क्यों बढ़ रही हैं? दरअसल, आज के दौर में अति व्यस्तता और सेहत के प्रति लापरवाही की वजह से लोगों की दिनचर्या अनियमित होती जा रही है। उनके सोने-जागने, खाने और एक्सरसाइज के लिए कोई निश्चित समय निर्धारित नहीं है। शहरी जीवनशैली में शारीरिक श्रम की जरूरत कम होती जा रही है। रोजमर्रा के खाने में भी लोग घी-तेल, चीनी और मिर्च-मसालों का भरपूर इस्तेमाल करते हैं। युवा पीढ़ी में एल्कोहॉल और सिगरेट पीने वालों की तादाद तेजी से बढ़ रही है। जहां एल्कोहॉल के सेवन से हार्ट के पंपिंग की गति अनियंत्रित होती है, वहीं निकोटिन में कई ऐसे विषैले पदार्थ तत्व पाए जाते हैं, जो हृदय की रक्तवाहिका नलिकाओं के भीतरी हिस्से को नुकसान पहुंचाते हैं। सिगरेट पीने के बाद दिल की धड़कन के साथ ब्लड प्रेशर भी बढ़ जाता है, जो दिल की बीमारियों का कारण बन जाता है।
कैसे प्रभावित होता है दिल?
अगर कोई व्यक्ति लंबे समय तक अपने खानपान और दिनचर्या के मामले में लापरवाही बरते, तो इससे उसके हृदय की रक्तवाहिका नलिकाओं में नुकसानदेह कोलेस्ट्रॉल (लीपोप्रोटीन डिपॉजिट कोलेस्ट्रॉल) का जमाव शुरू हो जाता है। सामान्य अवस्था में धड़कन के साथ दिल खून की पंपिंग करके शरीर के सभी हिस्सों में ऑक्सीजन युक्त ब्लड का प्रवाह सुचारू रूप से करता है लेकिन आर्टरी में ब्लॉकेज होने की स्थिति में हार्ट की कार्यक्षमता कम हो जाती है। खासतौर पर जब व्यक्ति के मस्तिष्क तक ऑक्सीजनयुक्त रक्त का प्रवाह नहीं पुहंच पाता, तो इससे दिल का दौरा पड़ने की आंशका बढ़ जाती है।
ऑर्टरी ब्लॉकेज के लक्षण
- सीने के बाएं हिस्से में हल्का या तेज दर्द होना, कभी-कभी यह दर्द कंधों, बांहों या जबड़े तक भी पहुंच जाता है।
- ब्लॉकेज की वजह से शरीर के सभी हिस्सों तक ऑक्सीजनयुक्त रक्त नहीं पहुंच पाता। इससे सांस लेने में तकलीफ, घुटन, बेचैनी और अनावश्यक थकान और कमजोरी महसूस होती है।
- नॉजिया जैसे लक्षण भी नजर आते हैं।
- जुबान लड़खड़ाना, आंखों के आगे अंधेरा छाना, सर्दी के मौसम में तेज पसीना आना और हाथ-पैर ठंडे पड़ जाना।
क्या है उपचार
आमतौर पर ऑर्टरी ब्लॉकेज का अंदेशा होने पर पहले एंजियोग्राफी द्वारा ब्लॉकेज का पता लगाया जाता है। अगर ब्लॉकेज हल्की हो, तो उसे दवाओं से दूर किया जा सकता है। अगर समस्या गंभीर हो, तो एंजियोप्लास्टी तकनीक द्वारा इस ब्लॉकेज को खोला जाता है।
कुछ जरूरी बातें
- तनावमुक्त रहने की कोशिश करें।
- नमक, एल्कोहॉल, सिगरेट और कॉफी का सेवन सीमित मात्रा में करें।
- नियमित रूप से बीपी चेक करवाएं। अगर उच्च रक्तचाप की समस्या हो, तो दवाओं का नियमित सेवन करें।
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